छत्तीसगढ़

धान खरीदी घोटाला, दो निलंबित व दो पर एफआईआर

रायपुर: जिले में एक जगह धान खरीदी की प्रक्रिया में पंजीयन घोटाला सामने आया है। यहां सहकारी समिति के कर्मचारियों ने ऐसे किसानों का नाम धान बेचने वालों की सूची में रजिस्टर कर लिया जिनके पास खेती की जमीन ही नहीं है। प्रशासन ने शुरूआती जांच के बाद दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। वहीं दो लोगों पर एफआईआर कराया गया है।

बताया गया, जांजगीर-चांपा जिले के धान खरीदी केन्द्र कोरबी में धान खरीदी में अनियमितता का मामला पकड़ में आया है। सेवा सहकारी समिति कोरबी में फर्जी पंजीयन की शिकायत मिली थी। कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा ने अनुविभागीय अधिकारी कमलेश नंदिनी साहू, उप पंजीयक उमेश गुप्ता, जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी अश्वनी पांडेय, भू-अभिलेख शाखा के सहायक अधीक्षक विनय पटेल ने शिकायत की जांच सौंपी।

जांच में शिकायत सही पाई गई। उसके बाद कलेक्टर ने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एस.के. जोगी और धान खरीदी केन्द्र के प्रभारी सह आॅपरेटर विकास सिंह को निलंबित कर एफआईआर दर्ज कराया है। फर्जी पंजीयन कराने वाले पूजा अग्रवाल और जितेन्द्र अग्रवाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराया है। प्रशासन की ओर से कहा गया, धान खरीदी में किसी भी तरह की अफरा-तफरी की रोकथाम के लिए लगातार निगरानी हो रही है। धान खरीदी की व्यवस्था की शिकायत से लेकर फर्जी पंजीयन, अवैध धान के विक्रय एवं अन्य गड़बडिय़ों की जांच-पड़ताल के लिए अनुभाग स्तर पर चार जांच दल गठित किए गए हैं।

धान खरीदी के पिछले सीजन में भी जांजगीर-चांपा जिले में ऐसी कई गड़बडिय़ां पकड़ी गई थीं। नवागढ़ ब्लॉक तुलसी और किरीत केंद्रों पर तो सहकारी समिति कर्मचारियों और तहसील कर्मियों की मिलीभगत से ऐसे किसानों के नाम पर पंजीयन कर लिया गया जिनके नाम से एक डेसीमल जमीन भी नहीं थी। जिस जमीन का पंजीयन हुआ वह रिकॉर्ड में सरकारी भूमि के तौर पर दर्ज थी। शिकायत के बाद जांच हुई और चोरी पकड़ी गई। कई कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर हुई।

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