पंजाबराज्य

बंदूक और तलवारों के साथ खालिस्तान समर्थकों का थाने पर हमला, देखती रही पुलिस

चंडीगढ़ : पंजाब में कट्टरपंथी नेताओं की ऐसी दादागिरी देखने को मिली कि पंजाब की पुलिस भी देखती रह गई है। पंजाब में खालिस्तान का समर्थन करने वाले संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि पुलिस ने संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी तूफान सिंह को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद हजारों की संख्या में आक्रोशित लोगों ने पुलिस थाने को बंदूक, तलवार और लाठियों के साथ घेर लिया। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड्स लगाए तो वे उसे तोड़कर थाने के अंदर घुस गए। इस दौरान अमृतपाल के समर्थकों ने कुछ पुलिस कर्मचारियों के साथ मारपीट भी की। कुछ गाड़ियां भी भीड़ में शामिल लोगों की ओर से तोड़ी गई है। मौके पर हंगामा जारी है।

कट्टरपंथी नेता अमृतपाल सिंह के सैकड़ों समर्थक तलवारों और बंदूकों के साथ पुलिस से भिड़ गए और गुरुवार को अमृतसर के पास अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया। यहां वे तब तक डेरा डाले रहे जब तक कि पुलिस ने अमृतपाल और उनके समर्थकों को यह आश्वासन नहीं दिया कि उनके सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान को शुक्रवार तक रिहा कर दिया जाएगा। उसे अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

आपको बता दें कि हाल के वर्षों में पंजाब में ऐसा दृश्य नहीं देखा गया था। 29 वर्षीय अमृतपाल को खालिस्तान का समर्थक माना जाता है। वह पिछले साल दुबई से लौटा और दीप सिद्धू की हत्या के बाद वारिस पंजाब डे का प्रमुख बन गया। इसी केस में अमृतपाल भी 25 अन्य लोगों के साथ आरोपी था। वरिंदर सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि अमृतपाल और उसके अनुयायियों पर झूठा प्रचार फैलाने का आरोप लगाते हुए एक वीडियो अपलोड करने के तुरंत बाद उसका अपहरण कर लिया गया था। इस दौरान उसे खूब पीटा गया।

थाने में अमृतपाल ने मीडिया से कहा कि उन्होंने लवप्रीत की रिहाई के लिए अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा, ‘कुछ अखबारों में लिखा है कि अमृतपाल हताश हैं। वह अलग-थलग पड़ गए हैं। देखिए मेरे भक्तों ने कैसे मेरा साथ दिया है।

इससे पहले अमृतपाल के समर्थक बैरिकेड्स तोड़कर पुलिस से भिड़ गए। इस दौरान एक अधिकारी सहित कम से कम छह पुलिसकर्मी घायल हो गए। अमृतसर के पुलिस आयुक्त जसकर्ण सिंह और एसएसपी (ग्रामीण) सतिंदर सिंह सहित शीर्ष अधिकारी पुलिस स्टेशन पहुंचे और अमृतपाल से बातचीत की। पुलिस ने बाद में घोषणा की कि लवप्रीत को इस मामले से बरी कर दिया जाएगा और उसकी रिहाई के लिए कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

वहीं एसएसपी ने कहा कि हमारी मुलाकात के दौरान हमें इस बात के सबूत मिले हैं कि लवप्रीत सिंह उस घटना में शामिल नहीं था। उसे छुट्टी दे दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाएगा।

पुलिस ने अमृतसर के एंट्री पॉइंट पर अमृतपाल के समर्थकों को रोकने की कोशिश की थी। इसके कारण ब्यास नदी पर बने पुल पर अमृतसर-जालंधर राजमार्ग पर ट्रैफिक जाम हो गया। बैरिकेड्स और पुलिस बंदोबस्त के बावजूद अमृतपाल खुली छत वाली मर्सिडीज में अजनाला पहुंचने में कामयाब रहा। उसके कई समर्थकों के पास हथियार थे और कुछ के पास बंदूकें थीं।

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अजनाला की घटना राज्य की कानून-व्यवस्था के बिगड़ने से कहीं बड़ी बात थी। उन्होंने कहा, ‘यह पंजाब में कानून-व्यवस्था की पूरी तरह से चरमराने से अधिक गंभीर स्थिति है।

पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने भी अजनाला में हुई घटना की निंदा की है। वॉरिंग ने एक बयान में कहा कि बुराई को जड़ से खत्म करो। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने पंजाब को हिंसा के काले दिनों में वापस धकेलने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार को नहीं चुना है। उन्होंने कहा कि आज हम जो कुछ देख रहे हैं वह अतीत की याद दिलाता है जिससे हर पंजाबी डरता है।” उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

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