राष्ट्रीय

समाजवाद-धर्मनिरपेक्ष शब्द हटने से मिलेगी धर्म के नाम पर वोट मांगने की छूटः CPI सांसद

नई दिल्ली : कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (Communist Party of India- CPI) के सांसद बिनॉय विश्वम (MP Binoy Vishwam) ने संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्दों (socialist and secular terms) को हटाने की मांग से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक आवेदन दायर किया है। अपने आवेदन में भाकपा सांसद ने कहा है कि संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्दों को हटाने की मांग वाली याचिकाएं राजनीतिक दलों को धर्म के नाम पर वोट मांगने के लिए सक्षम बनाती है।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanyam Swami) की ओर से दायर एक लंबित याचिका पर भाकपा राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य ने कहा, ‘यहां चुनौती को छुपे रूप से 42वें संशोधन के लिए कोडित किया गया है। हालांकि, इस याचिका एकमात्र उद्देश्य एक राजनीतिक दल को धर्म के नाम पर वोट मांगने के लिए सक्षम बनाना है।’

स्वामी की याचिका में संविधान (42वां संशोधन) अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान की प्रस्तावना में पेश किए गए समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्दों को हटाने के लिए अदालत से एक आदेश की मांग की गई है। इसके साथ-साथ याचिका में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के सब सेक्शन 5 को रद्द करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है। जिसमें किसी भी राजनीतिक दल को समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों के प्रति निष्ठा रखने की आवश्यकता की बात कही गई है।

इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए सांसद विश्वम ने अधिवक्ता श्रीराम परकट के जरिए दायर अपने आवेदन में कहा, हर पार्टी चुनाव लड़ रही है और अपने सभी उम्मीदवारों के लिए एक समान चुनाव चिन्ह की मांग कर रही हैं। ऐसा आवेदन करते समय, संघ या निकाय को दूसरों के बीच समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के सिद्धांतों के प्रति अपनी आस्था और निष्ठा की पुष्टि करनी होती है।

विश्वम ने अपने आवेदन में कहा है धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद संविधान की अंतर्निहित और बुनियादी विशेषताएं हैं। याचिकाकर्ता की मंशा धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद को पीछे छोड़ते हुए भारतीय राजनीति पर एक स्वतंत्र शासन करना है। उन्होंने कोर्ट से राष्ट्र के संवैधानिक लोकाचार को फिर से लिखने की इस तरह की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने की मांग की।

Related Articles

Back to top button