नई दिल्ली : यूरिक एसिड के रोगी दिन प्रति दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. इस बीमारी की चपेट में नई पीढ़ी भी आने लग गई है. इसका कारण खराब लाइफस्टाइल है. इसके चलते गंभीर बीमारियों की चपेट में कम उम्र में ही लोग आ रहे हैं.
कद्दू के बीज में एंटीऑक्सीडेंट्स पायी जाती है जो डाइजेस्टिव एंजाइम को बढ़ावा देती हैं और प्रोटीन को पचाने में पूरी मदद करती हैं. वहीं, कद्दू के फाइटोन्यूट्रिएंट्स गुण सेल्स को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार हैं.
कद्दू हाई फाइबर से भरपूर है इसलिए बढ़े हुए यूरिया को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है. इसके सेवन से लिवर तेज काम करता है. यह शरीर में यूरिक को जमा नहीं होने देता है. इसके सेवन से गाउट की भी परेशानी नहीं होती है.
आप कद्दू का सेवन सूप के रूप में भी कर सकती हैं. इसके अलावा केवल मिर्च और प्याज मिलाकर पके कद्दू में मैश कर दीजिए. आप चाहें तो इसका रायता बनाकर भी खा सकती हैं.
यूरिक एसिड में चावल का पानी पीने से इसके लैक्सटिव के गुण नसों में जमे हुए प्यूरिन को बाहर निकाल फेकते हैं. वहीं, ये पेट को भी लाभ पहुंचाने का काम बखूबी करते हैं. चावल का पानी प्यूरिन क्रिस्टल को पिघलाने का काम करते हैं, जो शरीर में जमा रहते हैं. इससे गाउट की भी समस्या नहीं होती है.