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यौन उत्पीड़न के लिए ‘उत्तेजक’ कपड़ों को जिम्मेदार बताने वाले केरल के जज का हुआ ट्रांसफर, भेजे गए लेबर कोर्ट

नई दिल्ली/कोझिकोड. केरल (Kerala) के कोझिकोड से आ रही बड़ी खबर के अनुसार, भड़काऊ कपड़ों का हवाला देते हुए यौन उत्पीड़न के दो मामलों में 74 साल के राइटर सिविक चंद्रन को जमानत देने वाले जज का अब तबादला हो गया है।

दरअसल कोझिकोड के सेशन जज एस कृष्णकुमार ने सुनवाई के दौरान कहा था कि, अगर शिकायतकर्ता ने “यौन उत्तेजक पोशाक” पहनी थी तो आरोपी पर यौन शोषण का आरोप किसी भी तरह से नहीं बनता। वहीं अब जज कृष्ण कुमार को बीती मंगलवार देर रात केरल हाईकोर्ट के एक आदेश के तहत कोल्लम की लेबर कोर्ट में भेज दिया गया है। वहीं अब अब कोझिकोड में सेशन जज एस कृष्णकुमार की जगह एस मुरलीकृष्ण फ़रियाद लेंगे।

दरअसल अदालत के फै़सले में कहा गया था कि , ”अभियुक्त की ओर से ज़मानत याचिका के साथ पेश किए गए फोटो से पता चलता है कि शिकायतकर्ता ने जो कपड़े पहने, वो यौन उत्तेजक थे।” इसी आधार पर जज ने माना था कि अभियुक्त सिविक चंद्रन उर्फ सीवी कुट्टन के ख़िलाफ़ पहली नज़र में आईपीसी की धारा 354 ए के तहत यौन उत्पीड़न का मामला नहीं बनता।

अभियुक्त चंद्रन लेखक और एक्टिविस्ट हैं। अदालत ने साथ ही कहा था कि, ”यह स्वीकार करते हुए कि उनके बीच कोई शारीरिक संपर्क नहीं हुआ, ऐसा मानना संभव नहीं है कि 74 साल की उम्र का और शारीरिक रूप से कमज़ोर कोई आदमी, शिकायतकर्ता को ज़बरदस्ती अपनी गोद में बिठा सकता है और उनकी छाती को छू सकता है।”

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