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कोवैक्सीन लेने वालों के लिए UK ने खोले दरवाजे, अब नहीं होना पड़ेगा क्वारंटाइन

नई दिल्ली: देश की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को अब एक और कामयाबी मिली है। ब्रिटेन ने आज से ऐसे लोगों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं जिन्होंने कोवैक्सीन लगवाई है। ऐसे लोगों को अब ब्रिटेन में जाकर क्वारंटीन नहीं होना होगा। ब्रिटेन भारत की कोवैक्सीन को अपनी स्वीकृत टीकों की लिस्ट यानी अप्रूवल लिस्ट में शामिल कर लिया है। यात्रा के लिए कोवैक्सीन को मान्यता देने वाले ब्रिटेन के नियम आज से लागू हो गए हैं। आज यानी 22 नवंबर से भारत बायोटेक-निर्मित टीका लगवाने वाले यात्रियों को अब यूके में क्वारंटाइन नहीं होना पड़ेगा।

ब्रिटेन के इस फैसले से हजारों भारतीयों को बड़ी राहत मिलेगी। कोवैक्सीन ले चुके लोग इस मंजूरी का इंतजार कर रहे थे। ब्रिटेन की सरकार ने कोवैक्सीन के साथ-साथ चीन की सिनोवैक और सिनोफार्म वैक्सीन को भी अप्रूव्ड वैक्सीन की लिस्ट में शामिल किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन से कोवैक्सीन को हरी झंडी मिलने के बाद ब्रिटेन ने भी यात्रा में राहत देने की घोषणा की थी। बता दें कि कोवैक्सीन भारत में इस्तेममाल की जाने वाली दूसरी सबसे बड़ी वैक्सीन है। पहले कोवैक्सीन लगवा चुके इंटरनेशनल यात्रियों को यूके जाने के बाद क्वारंटाइन में रहना पड़ता था, लेकिन आज सुबह चार बजे से नियम लागू हो गए और अब ऐसा नहीं होगा।

कोवैक्सीन का लोहा सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने भी माना है। लैंसेट ने कोवैक्सीन को अत्यधित प्रभावकारी माना है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैक्सीन को मंजूरी दी है। जर्नल में कहा गया कि भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई कोविड-19 वैक्सीन ‘अत्यधिक प्रभावकारी’ है और यह पूरी तरह से सुरक्षित है। स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ 77.8 फीसदी प्रभावी रही है। इस बात की जानकारी मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित हुए स्टडी से मिली है। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड के बाद कोवैक्सीन का ही इस्तेमाल किया जा रहा है।

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