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अभी-अभी: ए-सैट के कारनामे से पाकिस्तान और चीन के छुटे पसीने, करने लगे अपील

भारत के एक एंटी-सेटेलाइट मिसाइल (ए-सैट) ने बुधवार को स्पेस में एक दूसरे सेटेलाइट को मार गिराया. ए-सैट ने 300 किलोमीटर दूर अपना निशाना बनाया. इसी के साथ भारत उन देशों में शामिल हो गया जिनके पास ऐसी क्षमता है. अमेरिका, रूस और चीन के साथ भारत भी इस कड़ी में शामिल हो गया. भारत के ए-सैट के सफल परीक्षण पर पाकिस्तान और चीन ने भी प्रतिक्रिया दी है. दोनों देशों ने इशारे में भारत से कहा है कि स्पेस में ऐसा कोई काम नहीं होना चाहिए जिससे वहां सैन्य क्षमता बढ़ाने की होड़ शुरू हो.

गौरतलब है कि भारत के वैज्ञानिकों ने बुधवार को एक ऐतिहासिक कारनामा दिखाते हुए पृथ्वी की निचली कक्षा में 300 किलीमीटर दूर एक सेटेलाइट को मार गिराया. इसी के साथ भारत उपग्रह-भेदी क्षमता हासिल कर चौथा अंतरिक्ष महाशक्ति बन गया. भारत के वैज्ञानिकों की ओर से जिस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है, वह पृथ्वी की निचली कक्षा यानी लो अर्थ ऑर्बिट में किया गया है. जिस हथियार से मारा गया उसे ए-सैट यानी एंटी सेटेलाइट मिसाइल का नाम दिया गया. इस उपलब्धि पर भारत में जहां खुशी की लहर है तो पाकिस्तान ने इशारे में भारत पर हमला बोला है. पाकिस्तान ने कहा है कि वह स्पेस में हथियारों की होड़ का बिल्कुल हिमायती नहीं और अंतरिक्ष का उपयोग इंसानियत की भलाई के लिए होना चाहिए न कि सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए.

पाकिस्तानी सरकार के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा, ‘पाकिस्तान बाहरी स्पेस में हथियारों की रोकथाम का एक प्रबल समर्थक है. अंतरिक्ष इंसानियत की साझी विरासत है और हर देश की जिम्मेदारी है कि वह उन कार्यों से बचे जिससे अंतरिक्ष में सेना का दबदबा बढ़े. हमारा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानूनों को ध्यान में रखते हुए यह तय करने की जरूरत है कि कोई भी देश सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग ऐसे न करे जिससे किसी की शांति भंग हो. बयान में आगे कहा गया है कि ‘हम आशा करते हैं कि जिन देशों ने पूर्व में की गई ऐसी कार्रवाई की आलोचना की है, वे स्पेस से जुड़े सैन्य खतरों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलजुल कर काम करेंगे.

पाकिस्तान ने अपने बयान के अंत में इशारे में यह भी कहा कि किसी देश को स्पेस की अपनी क्षमता पर गुमान नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें डॉन क्विक्सोट की झलक मिलती है जिन्होंने पवन चक्कियों का विरोध किया था.

भारत की इस उपलब्धि की जानकारी बुधवार को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में दी. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत उपग्रह-भेदी क्षमता हासिल कर चौथा अंतरिक्ष महाशक्ति बन गया है. उन्होंने इसे सभी देशवासियों के लिए गर्व का पल बताया. टीवी पर देश के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “हमारे वैज्ञानिकों ने कुछ समय पहले पृथ्वी की निचली कक्षा में 300 किलीमीटर दूर एक सेटेलाइट को को तबाह कर दिया.”

गौरतलब है कि ए-सैट ने पूर्व निर्धारित लक्ष्य सिर्फ तीन मिनट में नष्ट कर दिया. इसके साथ ही भारत ने खुद को अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर स्थापित कर दिया. प्रधानमंत्री ने कहा, मिशन शक्ति कठिन अभियान था लेकिन यह बहुत बड़ी सफलता है. मोदी ने कहा कि अभियान में जटिल अंतरिक्ष कुशलताओं का उपयोग किया गया. उन्होंने आगे कहा कि अभी तक यह तकनीक सिर्फ अमेरिका, चीन और रूस के पास थी.

चीन ने सधा बयान दिया

चीन ने ए-सैट मिसाइल परीक्षण पर बुधवार को सधा हुआ बयान दिया और उम्मीद जताई कि सभी देश बाहरी अंतरिक्ष में शांति बनाए रखेंगे. इस परीक्षण के बाद भारत दुश्मन के उपग्रहों को मार गिराने की रणनीतिक क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया. इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन के पास यह क्षमता थी.

चीन के विदेश मंत्रालय ने एंटी सेटेलाइट मिसाइल के सफल परीक्षण को लेकर पीटीआई के एक सवाल पर लिखित जवाब में कहा, ‘‘हमने खबरें देखी हैं और उम्मीद करते हैं कि हर देश बाहरी अंतरिक्ष में शांति बनाए रखेंगे.’’ चीन ने ऐसा एक परीक्षण जनवरी 2007 में किया था जब उसके एंटी सेटेलाइट मिसाइल ने एक वेदर सेटेलाइट को नष्ट कर दिया था.

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