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अमित शाह ने कहा- असम को दूसरा कश्मीर नहीं बनने देंगे

लोकसभा चुनाव के नजदीक आते-आते नेताओं के दौरे तेज होते जा रहे हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज असम के लखीमपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने विरोधियों पर जमकर हमला बोला। इसके साथ ही केंद्र सरकार की उपलब्धियों को भी सामने रखा। शाह ने असम और नॉर्थ ईस्ट में विकास कार्यों का हवाला देते हुए वोट मांगे। उन्होंने पुलवामा हमले का भी जिक्र किया।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यहां कहा कि भाजपा सरकार यहां राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) लेकर आई। उन्होंने कहा, ‘हम असम को दूसरा कश्मीर नहीं बनने देंगे। यह हमारा वादा है कि एनआरसी की सहायता से हम एक-एक घुसपैठिए को असम से बाहर करेंगे।’
क्या-क्या कहा शाह ने पढ़ें- 
  • पुलवामा में आतंकियों ने कायराना हरकत की। सुरक्षाबलों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। आतंकवाद का करारा जवाब दिया जाएगा।
  • 2700 गांव में बिजली नहीं थी, राहुल बाबा सुनते हो, हमारी सरकार ने गांव गांव बिजली पहुंचाने का काम किया है।
  • हर गरीब को पांच लाख रुपये तक का इलाज का खर्चा नरेंद्र मोदी सरकार उठाती है। 2 लाख रुपये तक का खर्च हमारी असम सरकार उठाती है।
  • असम के चाय बागान के लोगों को नमक देने की प्रथा थी, पहली बार चीनी और चावल देने का काम भाजपा सरकार ने किया है।
  • हम चाय बागान वालों के लिए बहुत बड़ी योजना लेकर आए हैं। पूरे नॉर्थ ईस्ट के अंदर, माताओं को गर्भावस्था में छुट्टी नहीं मिलती थी, लेकिन भाजपा सरकार ने 6 महीने की छुट्टी और 12 हजार रुपये देने का काम किया है।
  • हर छोटे और सीमांत किसान के खाते में 6 हजार रुपये मोदी सरकार ने देना शुरू किया है।
  • ये हमारा हिसाब है, मैं हिसाब देना आया हूं। 133 योजनाओं का गुलदस्ता नरेंद्र मोदी सरकार ने दिया है।
  • 55 साल तक कांग्रेस ने यहां के विकास के लिए कुछ नहीं किया। मोदी सरकार ने 5 साल में नॉर्थ ईस्ट और असम को रेल, सड़क और हवाई मार्ग से जोड़ने का काम किया है।
  • इस बार सरकार बने तो देश भर के अखबार लिखें कि इस बार सरकार बनी है तो नॉर्थ ईस्ट और असम के लोगों की वजह से बनी है।
  • हम असम को दूसरा कश्मीर नहीं बनने देंगे, इसलिए एनआरसी लाया गया और हर घुसपैठिए को प्रत्यर्पित किया जाएगा।
  • नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर गलत जानकारी फैलाई जा रही है, असम में जनसांख्यिकीय परिवर्तनों को बचाने के लिए नरेंद्र मोदी उसे दोबारा लाएंगे।
  • कांग्रेस और असम गण परिषद ने 1985 में ‘असम संधि’ पर हस्ताक्षर होने के बाद ज्यादातर समय सत्ता में रहने के बावजूद इस संधि को लागू करने के लिए कुछ नहीं किया।
  • क्या आप फिर से मोदी जी की सरकार बनाएंगे, क्या मोदी जी को फिर से पीएम बनाएंगे? क्या सिटिजनशिप बिल पर हमारा समर्थन करेंगे?
  • फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार, भारत माता की जय।

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