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आंतकियों का पनाहगार बने पाकिस्तान को खुद पाक की मीडिया ने ही किया एक्सपोज

terrorism_storyएजेंसी/ इस्लामाबाद : आंतकियों का पनाहगार बने पाकिस्तान को खुद पाक की मीडिया ने ही एक्सपोज कर दिया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा है कि कैसे पाकिस्तान में तमाम प्रतिबंधों के बावजूद आतंकी गतिविधियों अपने चरम पर है। पाकिस्तानी समाचार पत्र के बुधवार के अंक में प्रकाशित रिपोर्ट में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का भी जिक्र है।

पाक गृह मंत्रालय की क्षमता पर सावल उठाते हुए अखबार ने कहा है कि नए नाम से संगठित होकर ये संगठन सरकार के लिए नई चुनौती पेश कर रहे है। 1997 के कानून को बेकार बताते हुए कहा गया कि आतंकरोधी कानून किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाने और वह दोबारा संगठित नहीं हो इसकी निगरानी का अधिकार गृह मंत्रालय को देता है।

लेकिन, प्रतिबंधित सूची में नाम शामिल करने के बाद मंत्रालय इनकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाने में नाकाम रहा है। मंत्रालय ने बीते साल दिसंबर में सीनेट में प्रतिबंधित संगठनों की सूची पेश की थी। जिसमें 61 संगठनों के नाम थे, इसके बाद से इस सूची को अपडेट भी नहीं किया गया।

लश्कर पर 2002 में प्रतिबंध लगाने के बाद हाफिज सईद ने इसका नाम बदलकर जमात-उद-दावा रख लिया। वहीं हाफिज पूरे देश में घूम-घूम कर जनता के मन में जहर का बीज रोपता रहता है। इस साल की शुरुआत में पठानकोट एयरबेस पर हुआ हमला भी इसमें शामिल है। इसका मुखिया मसूद अजहर है।

22 जनवरी 2002 को जैश पर प्रतिबंध लगा। खुदम-उल-इस्लाम के नाम से यह संगठन फिर खड़ा हो गया। 15 नवंबर 2003 को इस पर भी प्रतिबंध लगा दिया। इसके बावजूद गतिविधियां जारी हैं। इसी तरह सिपाह-ए-साहबा पर 2002 में प्रतिबंध लगा, तो इसने भी नाम बदलकर मिल्लत-ए-इस्लामी रख लिया।

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