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आप-कांग्रेस गठबंधन की पैरवी करने के लिए कुमार विश्वाश ने केजरीवाल को आड़े हाथों लिया

दिल्ली में आप-कांग्रेस गठबंधन की पैरवी करने के लिए कुमार विश्वाश ने सीएम अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथों लिया है और उन्हें ‘आत्ममुग्ध, असुरक्ष‍ित बौना’ तक करार दिया।

नई दिल्ली : दिल्ली में कभी कांग्रेस को पटखनी देकर राजनीति की नई इबारत लिखने वाले सीएम अरविंद केजरीवाल इन दिनों उसी पार्टी के साथ गठबंधन की बारंबार ‘गुहार’ को लेकर चर्चा में हैं। वह ‘देश को बचाने’ के लिए बीजेपी को हराना जरूरी समझते हैं और इसके लिए उन्‍हें उसी कांग्रेस के साथ अपनी आम आदमी पार्टी (AAP) के गठबंधन की पुरजोर आवश्यकता महसूस हो रही है, जो आप की आंधी में कभी यूं उड़ गई थी कि 2015 चुनाव के बाद दिल्‍ली विधानसभा में उसका कोई नामलेवा भी नहीं बचा।

अब उसी आप के संयोजक बार-बार कांग्रेस के साथ गठबंधन की पैरवी कर रहे हैं, जिस पर उनके पुराने साथियों ने तंज कसा है। कभी केजरीवाल के साथ-साथ भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मुहिम को जनआंदोलन बनाने और फिर आप को संवारने में योगदान देने वाले युवा कवि कुमार विश्‍वास ने इसे लेकर आप संयोजक को आड़े हाथों लिया है और उन्‍हें ‘आत्ममुग्ध, असुरक्ष‍ित बौना’ तक करार दिया और कहा कि सीएम उसी कांग्रेस के सामने गठबंधन के लिए ‘गिड़गिड़ा’ रहे हैं, जिसे कभी आप ने ‘जीरो’ पर ला दिया था। उन्‍होंने इसे ‘सभी के भरोसे की पीठ में छुरा घोंपने का नतीजा’ बताया।

कुमार विश्वाश से इस संबंध में एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्‍होंने लिखा, ‘कार्यकर्ताओं के खून-पसीने, साथियों के नि:स्वार्थ श्रम और करोड़ों लोगों की दुआओं ने 70 में 67 सीट दिलाईं, लेकिन एक आत्ममुग्ध, असुरक्षित बौने के ओछेपन ने उसी जनादेश को इस गिरावट तक ला दिया कि जिनकी सीट जीरो की, आज उन्हीं के सामने गिड़गिड़ा रहा है। सबके भरोसे की पीठ में छुरा घोंपने का फल।’ यहां उल्‍लेखनीय है कि केजरीवाल ने एक बार फिर कांग्रेस के साथ गठबंधन की वकालत की है। उन्‍होंने बुधवार को दिल्‍ली के चांदनी चौक में एक जनसभा के दौरान कहा कि वह कांग्रेस से आप के साथ गठबंधन की बात करते-करते थक गए हैं, लेकिन कांग्रेस को यह बात समझ ही नहीं आती। उन्‍होंने दिल्‍ली में बीजेपी को हराने के लिए इस गठबंधन को जरूरी बताया और कहा कि वोटों को बंटने से रोकने की जरूरत है। आप संयोजक ने यह पूछे जाने पर कि आखिर वह कांग्रेस के साथ गठबंधन के इतने इच्‍छुक क्यों हैं, बार-बार यही कहा है कि उन्‍हें ‘देश की चिंता है’ और इसलिए वह ये गठबंधन चाहते हैं।

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