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इस हसीना ने पक्‍की की थी सोनिया-राहुल की नींद उड़ाने वाली हेलिकॉप्टर डील, ऐसे पटाया सबको

CHRISTINA-3एंजेंसी/ अगस्ता-वेस्टलैंड डील में हुई कमीशनखोरी के मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके रिश्तेदार, गौतम खैतान से जहां जांच एजेंसियां लगातार पूछताछ कर रही हैं. वहीं अब इस मामले में चौंकाने वाले खुलासे भी हो रहे हैं. लोकसभा रक्षामंत्री ने बिना किसी का नाम लिए कांग्रेस की ओर निशाना साधते हुए कहा कि ‘लगता है कि आप लोगों का पता है कि भ्रष्टाचार की गंगा किस ओर जा रही थी.’ वहीं उनका कहना है कि इटैलियन भाषा में लिखे कुछ दस्तावेजों को इतना जल्दी अनुवाद कर लिया गया कि सरकार भी नहीं कर पा रही है. इस पूरे मामले में राजनीतिक बयानबाजी तो जारी है. लेकिन इन सब के बीच एक ऐसी बात सामने आई है. जो किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है. दरअसल अब एक ऐसी विदेशी लड़की का नाम सामने आ रहा है. जिसकी खूबसूरती भी चर्चा में है. पूरी डील कराने के लिए अधिकारियों और नेताओं से बातचीत की जिम्मेदारी उसी को सौंपी गई थी.

31 साल की इस हसीना का नाम क्रिस्टीना है. आपको बताना जरूरी है कि डेनिश मूल की इस लड़की की उम्र उस समय 20 साल थी और वह हेलीकॉप्टर की सौजेबाजी में बिचौलिया रहे क्रिश्चियन मिशेल की कंपनी में शेयरहोल्डर थीं.

2010 और 2012 के बीच क्रिस्टीना भारत और दुबई के कई चक्कर लगाए. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक जब अगस्ता-वेस्टलैंड डील पर मोहर लग रही थी तो रिश्वत का पैसा हैशके, और मिशेल के बीच बांटा गया था. अब सीबीआई और ईडी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्रिस्टीना के भारत में आने-जाने और इस डील के बीच क्या रिश्ता है.

जांच में जो अभी तक पाया गया है कि डील के समय 20 साल की क्रिस्टीना सौदेबाजी के बिचौलिए मिशेल की ओर से भारतीय अधिकारियों और नेताओं से मुलाकात करती थीं. वह अगस्ता डील को पक्का करने के लिए दुबई और ज्यूरिख के चक्कर लगाती थीं. अब क्रिस्टीना के बारे में और जानकारी जुटाने के लिए जांच एजेंसियां दस्तावेज खंगाल रही हैं.

जांच में जो अभी तक पाया गया है कि डील के समय 20 साल की क्रिस्टीना सौदेबाजी के बिचौलिए मिशेल की ओर से भारतीय अधिकारियों और नेताओं से मुलाकात करती थीं. वह अगस्ता डील को पक्का करने के लिए दुबई और ज्यूरिख के चक्कर लगाती थीं. अब क्रिस्टीना के बारे में और जानकारी जुटाने के लिए जांच एजेंसियां दस्तावेज खंगाल रही हैं.

गौरतलब है कि इस पूरे सौदे पर एक बार फिर से सियासत गर्म है जब से इटली की अदालत ने इस पूरे में तत्कालीन यूपीए सरकार और कथित तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कई नेताओं का नाम ले लिया है. कोर्ट ने पाया है कि ‘सिनगोरा गांधी’ नाम की कोई शख्सियत इस पूरे सौदे में ‘ड्राईविंग फोर्स’ की भूमिका में थीं. लेकिन यह भी कहा कि इस आरोप को लेकर उसके पास कोई सबूत नहीं है. वहीं कांग्रेस की ओर से इसका कड़ा विरोध किया है. संसद में भी कांग्रेस के नेताओं ने इसे झूठा और मनगढ़ंत बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता और राज्यसभा में सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने पार्टी की ओर से तथ्यों के आधार पर इस आरोप का खंडन करने की कोशिश की है.

 

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