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उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश सरकार और विधानसभा अध्यक्ष को दिया आदेश, शकि्त परीक्षण

भोपाल : मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट पर बना सस्पेंस आज भी खत्म नहीं हो सका। बहुमत परीक्षण की मांग वाली भाजपा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर कल तक जवाब देने को कहा है। ममला की सुनवाई बुधवार को 10.30 बजे फिर होगी। उधर बेंगलुरु के रिजॉर्ट में मौजूद कांग्रेस के बागी विधायकों ने मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर अपनी अनदेखी का आरोप लगाया। विधायक गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि सीएम के पास हमारे लिए 15 मिनट का भी समय नहीं है। भाजपा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर कल तक जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई कल सुबह 10.30 बजे फिर होगी। कांग्रेस की बागी विधायक इमरती देवी ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता हैं। उन्होंने हमें बहुत कुछ सिखाया है। मैं हमेशा उसके साथ रहूंगा भले ही मुझे कुएं में क्यों न कूदना पड़े। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुआई में भाजपा के दस विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कमलनाथ सरकार को 12 घंटे में बहुमत साबित करने का निर्देश देने की मांग की है। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और हेमन्त गुप्ता की पीठ मामले पर सुनवाई करेगी। शिवराज के अलावा विधायक गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, रामेश्वर शर्मा, विष्णु खत्री, विश्वास सारंग, संजय सत्येन्द्र पाठक, कृष्णा गौर और सुरेश राय की तरफ से याचिका दायर की गई है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को अल्टीमेटम भरा पत्र सोमवार शाम को भेजा। उन्होंने लिखा, आपने मेरे 14 मार्च के पत्र का जो उत्तर दिया, उसकी भाषा और भाव संसदीय मर्यादाओं के अनुकूल नहीं हैं। मैंने 16 मार्च को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का निवेदन किया था। सत्र प्रारंभ हुआ पर विश्वास मत प्राप्त करने की कार्रवाई नहीं हुई, न ही आपने कोई सार्थक प्रयास किया और सदन की कार्रवाई 26 मार्च तक स्थगित हो गई।

राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट कराने के लिए मुख्यमंत्री को पहला पत्र शनिवार देर रात लिखा था। उसके बाद दूसरा पत्र रविवार देर रात लिखा और अब तीसरा पत्र सोमवार शाम को लिखा। रविवार देर रात राज्यपाल के बुलावे पर मिले कमलनाथ ने आश्वस्त किया था कि फ्लोर टेस्ट को लेकर वह सुबह स्पीकर से बात करेंगे, लेकिन उन्होंने सत्र शुरू होने के कुछ देर पहले ही राज्यपाल को छह पेज का लंबा पत्र भेजकर बेंगलुर में बंदी विधायकों का हवाला देते हुए फ्लोर टेस्ट के औचित्य पर सवाल खड़े कर दिए। सोमवार सुबह बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से हुई। इस दौरान भाजपा के डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कमलनाथ सरकार के अल्पमत में होने की बात उठाई, लेकिन राज्यपाल ने इसकी अनदेखी करते हुए अभिभाषण खत्म किया। उन्होंने सभी को सलाह दी कि जिसका जो दायित्व है निष्ठापूर्वक निभाए। संविधान के निर्देशों-नियमों का परंपराओं के अनुरूप पालन करें।

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