अन्तर्राष्ट्रीयफीचर्ड

ओली बने नेपाल के 38वें प्रधानमंत्री

दस्तक टाइम्स/एजेंसी
2015_10image_12_35_323763488151011113056_oli_new_nepal_pm_reuters_624x351_reuters-llकाठमांडू:नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) के अध्यक्ष खडग प्रसाद शर्मा ओली को रविवार को नेपाल का नया प्रधानमंत्री चुन लिया गया। नेपाल में 20 सितंबर को नए संविधान को राष्ट्रपति ने मंजूरी दी थी। इसी के तहत नए प्रधानमंत्री का चुनाव किया गया। संसद में हुए मतदान में उन्होंने कार्यवाहक प्रधानमंत्री सुशील कोईराला को पराजित किया। ओली को मुख्य विपक्षी दल नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का समर्थन हासिल था। 599 सदस्यीय सदन में 587 सदस्यों ने मताधिकार का प्रयोग किया। 338 सांसदों का समर्थन पाकर ओली विजयी रहे। किडनी की कई बीमारियों के शिकार ओली अपने तीखे तेवरों के लिए सुर्खियों में बने रहते हैं। एक समय वह माओवादियों के कट्टर विरोधी थे। लेकिन, माओवादी धड़े के नेता पुष्प कुमार दहल ‘प्रचंड’ से उन्होंने हाथ मिलाया और नेपाल के 38वें प्रधानमंत्री बन गए।ओली के सामने तात्कालिक और बड़ी चुनौती नया संविधान लागू होने के बाद से ही आंदोलन कर रहे मधेसी समुदाय को मनाने की है। इसी के तहत उन्हें भारत-नेपाल सीमा पर सामान्य हालात बहाल करने की चुनौती से गुजरना है। ओली के सामने एक बड़ी चुनौती 25 अप्रैल को आए भूकंप से तबाह हो गए देश के कई इलाकों के पुनर्निर्माण और लोगों के पुनर्वास की भी है।ओली ने अपना राजनैतिक जीवन 45 साल पहले पूर्वी नेपाल के झापा जिले से शुरू किया था। वह संसद में झापा-7 संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। नेपाल में राजशाही के दौरान ओली ने लंबा समय राजनैतिक बंदी के रूप में जेल में काटा था। ओली विवाहित हैं लेकिन नि:संतान हैं। उन्होंने किसी कॉलेज या विश्वविद्यालय से पढ़ाई नहीं की है लेकिन कई भाषाएं बोल सकते हैं। 63 वर्षीय ओली को जुलाई 2014 में सीपीएन (एमाले) का प्रमुख चुना गया था। उन्होंने नेता पद के चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल को हराया था। पार्टी नेता चुने जाने से पहले वह पार्टी के अंतर्राष्ट्रीय विभाग के मुखिया थे। 2006 में जनसंघर्ष के बाद बनी गिरिजा प्रसाद कोइराला की सरकार में ओली उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री थे। 1994 में तत्कालीन एमाले नेता मनमोहन अधिकारी के नेतृत्व में बनी सरकार में ओली गृह मंत्री थे। वह झापा जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से 1991, 1994 और 1999 में संसदीय चुनाव में विजयी हुए थे।

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