अपराधउत्तर प्रदेश

करोड़ों के माल के साथ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के लुटेरे गिरफ्तार

यूपी के कानपुर में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की पशुपति नगर शाखा के 32 लॉकर काटकर हुई करोड़ों की चोरी का 12 दिन के भीतर खुलासा हो गया। वारदात को अंतर्राष्ट्रीय गैंग ने अंजाम दिया था। गैंग के लोगों के तार नेपाल और बांग्लादेश तक फैले हैं। करोड़ों के माल के साथ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के लुटेरे गिरफ्तार

पुलिस ने गैंग के मास्टर माइंड भानू प्रताप सिंह, नर्सिंग होम संचालक डॉ. संजीव आर्या (बीएचएमएस), बेकन ग्रीन एग्रो हिंदुस्तान लिमिटेड का पूर्व सीएमडी सतेंद्र सिंह यादव और आठ अन्य शातिरों को गिरफ्तार किया है। चार लाख 490 रुपयेे, करोड़ों के हीरे और सोने के जेवरात समेत तीन कारें भी बरामद की गई हैं। वारदात में शामिल पश्चिम बंगाल और झारखंड के दो शातिरों की तलाश की जा रही है। डीजीपी ने गुडवर्क करने वाली पुलिस टीम को ढाई लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है।

पुलिस लाइन सभागार में रविवार को आईजी आलोक सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि वारदात के खुलासे का टास्क एसटीएफ, आईजी और एसएसपी की क्राइम ब्रांच के अलावा शहर के तेज तर्रार पुलिस अफसरों को सौंपा गया था। टीम मौके पर मिले आक्सीजन सिलिंडर के नंबर के सहारे फजलगंज स्थित एक दुकान पर पहुंची थी। यहां से सिलिंडर लेने वाले अक्षय उर्फ प्रिंस का पता चला था।

टीम ने प्रिंस को उठाया तो घटना में शामिल शातिरों का सुराग लग गया। बैंक के पास लगे एक सीसीटीवी कैमरे में चोरों की कार का नंबर कैद हो गया था। प्रिंस के पकड़े जाने और गाजियाबाद से कार की बरामदगी के बाद पुलिस ने मास्टर माइंड और उसके साथियों को दबोच लिया। आरोपियों को मसवानपुर, कल्याणपुर, दादानगर, कन्नौज, झारखंड और पश्चिम बंगाल से पकड़ा गया है। 

खिड़की काटकर बैंक के अंदर घुसे थे
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की पशुपति नगर शाखा में 17 फरवरी की रात बदमाश बगल में स्थित खाली प्लाट से होकर भीतर पहुंचे थे। शातिर खिड़की काटकर बैंक में घुसे थे। इसके बाद बैंक का स्ट्रांग रूम और 32 लॉकर काटकर करोड़ों का माल ले गए थे। 19 फरवरी की सुबह कर्मचारी बैंक का चैनल खोलकर भीतर गया तो उसे घटना की जानकारी हुई थी। 

                                                                             

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