घोटालों का लालू परिवार
वैसे देखा जाए तो यह सियासत में गिरावट की ऐसी कहानी है, जिसे जनता अच्छी तरह से जानती है, इसके बाद भी वह उसी घोटालेबाज को सत्ता पर बिठाती है। अपने भाग्य का फैसला करने के लिए छोड़ देती है। बिहार तो इसके लिए बदनाम सा है। चारा चोर के नाम से मशहूर नेता लालू प्रसाद खुद को गुदड़ी का लाल बताते हुए अपने बेटे-बेटियों को अरबपति बनवा दिए। जाति और जमात की राजनीति में माहिर लालू और उनके परिवार पर कई घोटालों के आरोप हैं। मुख्यमंत्री रहने से लेकर केंद्रीय मंत्री रहने तक उन्होंने बड़े-बड़े कारनामे किए। सजायाफ्ता होकर वे बाहर हैं, लेकिन उनके बेटे और बेटी अब उन्हीं के नक्शेकदम पर चलते हुए घोटालों और बेनामी संपत्ति बनाने में लगे हैं। वे पूरी तरह से पिता पर गए हैं। जाए भी क्योंं न आखिर असर खून का जो है। अब देखिए बीजेपी नेता सुशील मोदी ने जो खुलासा किया है अगर वह सच है तो लालू का पूरा परिवार कठघरे में है।
-दिलीप कुमार
जंगलराज और घोटाले के लिए चर्चित रहा बिहार एक बार फिर सुर्खियों में है। चारा घोटाले में घिरे रहे लालू का पूरा परिवार अब घोटाले और कालेधन की चपेट में है। सूबे से लेकर केंद्र की राजनीति इससे गरमा गई है। लालू के बेटे, बेटी और दामाद पर जिस तरह से बेनामी संपत्ति जुटाने और घोटाला करने का आरोप लगा है, इससे साफ है कि सत्ता में बैठकर जनता के पैसे की मलाई ये लोग जमकर खा रहे हैं। लालू ने अपने शासनकाल में चारा घोटाला किया। उस मामले में अभी तक लालू पूरी तरह से बरी नहीं हो सके हैं। अब उन्हीं के बेटे और बेटी आरोपों में घिरे हुए हैं। एक से एक घोटाला और बेनामी संपत्ति। अगर यह सच है तो राज आज नहीं कल खुलेगा। फिलहाल आयकर विभाग ने लालू की बेटी मीसा भारती और उनके पति शैलेश को पूछताछ के लिए समन भेजा है। साथ ही मनी लांड्रिंग के एक अलग मामले में ईडी मीसा के सीए राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार कर चुकी है। दरअसल मीसा से जुड़ी मिशेल पैकर्स एवं प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में राजेश की ओर से किए गए लेनदेन जांच के दायरे में है।
कम नहीं बेटा
पटना में एक शापिंग मॉल का निर्माण लालू के बेटे करा रहे हैं। इसका निर्माण आरजेडी से सुरसंड के विधायक सैयद अबूदौजान की कंपनी कर रही है। इसके दो अंडरग्राउंड फ्लोर की मिट्टी संजय गांधी जैविक उद्यान को 90 लाख रुपये में बेची गई। यह उद्यान पर्यावरण एवं वन विभाग के अंतर्गत आता है। इसके मंत्री लालू प्रसाद के पुत्र तेज प्रताप हैं। आरोप है कि मॉल की मिट्टी बिकवाने के लिए सौंदर्यीकरण के नाम पर अनावश्यक रूप से 90 लाख रुपये का अनुमान उद्यान में पगडंडी बनाने का लगाया गया। मॉल से निकली मिट्टी बेचकर कमाई की गई। वह भी बिना टेंडर निकाले। पटना में बन रहे इस मॉल के निर्माण पर फिलहाल पर्यावरण मंत्रालय ने रोक लगा दिया है। हालांकि आरोप को तेज प्रताप यादव ने खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि बीजेपी उन्हें और बिहार सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उनका मॉल की मिट्टी से कोई संबंध नहीं है। हालांकि इस तरह के आरोप पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र से ही जांच कराने की बात कह दी। उन्होंने कोई पहल नहीं की।
टिकट लो, जमीन दो
यूपी में लाखों, करोड़ों रुपये में विधायकी और सांसदी का टिकट मायावती की ओर से बेचने की चर्चा सुर्खियों में आती रहती है। बगल का सूबा बिहार तो उससे भी आगे है। लालू पर टिकट देने और मंत्री बनाने के नाम पर घर, जमीन और पेट्रोल पंप लिखाने के आरोप भी सामने आए हैं। भाजपा नेता व बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि लालू यादव ने काम कराने के एवज में लोगों से करोड़ों की जमीनें अपने परिवार के नाम करा लीं। आरोप है कि तुम मुझे जमीन दो, मैं तुम्हारा काम करूंगा, की तर्ज पर लालू ने काम किया। उन्होंने रेलवे में जितने लोगों को नौकरी दिलवाई, उनसे जमीन लिखवा ली। मदद करने वालों से जमीन लिखवा ली। राबड़ी देवी जब मुख्यमंत्री थीं, तब पटना में शराब की फैक्ट्री खोलने में कत्याल की मदद के बदले पटना शहर में करोड़ों की जमीन लिखवा लीं। आरोप है कि एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी बनाई गई। उस कंपनी ने जमीन खरीदी। उस कंपनी का प्रमोटर्स कत्याल परिवार था। बाद में लालू का परिवार उस कंपनी का प्रमोटर्स और शेयर होल्डर्स हो गया। कत्याल परिवार अब ना तो शेयर होल्डर है और न ही वे डायरेक्टर्स बोर्ड में हैं। आज लालू की दोनों बेटियां चंदा यादव और रागिनी डायरेक्टर्स हैं और राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव 100 प्रतिशत शेयर होल्डर हैं। सुशील मोदी का आरोप है कि उस कंपनी में सिर्फ 55 हजार रूपये निवेश कर तेजस्वी और राबड़ी देवी करोड़ों की कंपनी के मालिक कैसे बन गए? सुशील मोदी ने इस तरह के जो आरोप लगाए हैं, अगर वह सच है तो बिहार में यह एक अलग तरह का जंगलराज है। इसी तरह एक को केंद्र में मंत्री बनाने के नाम पर मकान लिखाने और एक से पेट्रोल पंप लिखाने की बात भी सामने आई है। ये तो वैसे मामले हैं, जिसका खुलासा हुआ है। पर्दे के पीछे अभी इस तरह के कई राज छिपे हुए हैं। अगर उनका खुलासा हो जाए तो निश्चित ही सूबे में एक तरह की बड़ी लूट का मामला सामने आएगा।
जमीन घोटाले को दबा गए लालू
लालू जब रेलमंत्री थे तब उन पर लोगों से जमीन के बदले नौकरी देने का आरोप लगा था। ग्रुप सी और डी की कई नौकरियां रेवड़ियों की तरह बांटी गई थीं। लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार ने आंखें मूंद रखीं थी। लालू एंड परिवार पर इसके साथ ही कई जमीन गलत कागजात के आधार पर खरीदने का आरोप है।
पार्टी का टिकट बेचकर खरीदा बंगला
गोपालगंज के एनएच 28 के किनारे लालू का एक बंगला भी चर्चा में है। यह कभी गोपालगंज के तत्कालीन सांसद रघुनाथ झा का था। उन्होंने इसे बड़े ही शौक से अपने लिए बनवाया था। लेकिन बाद में रघुनाथ झा लालू को यह घर गिफ्ट कर दिया था। कहा जा रहा था कि रघुनाथ ने राजद की सीट पर बेतिया से चुनाव लड़ने के एवज में यह बंगला गिफ्ट किया है। दस्तावेजों से भी साफ है कि रघुनाथ झा ने अपने बंगले को लालू परिवार के नाम किया है। गोपालगंज रजिस्ट्री कचहरी से प्राप्त दस्तावेज के मुताबिक 19 जून 2005 को रघुनाथ झा ने चारकट्ठे में बने बंगले को लालू के दोनों बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव को गिफ्ट किया था। रजिस्ट्री दस्तावेज के मुताबिक तब दोनों बेटे नाबालिग थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नाम से यह बंगला रजिस्ट्री हुआ था।
आयकर विभाग का छापा
पिछले दिनों आयकर विभाग ने लालू प्रसाद यादव और उनके बेटों के दिल्ली-एनसीआर में मौजूद 22 ठिकानों पर छापेमारी की। विभाग को लालू की 1000 करोड़ की बेनामी संपत्ति होने का शक है। सुशील मोदी ने लालू प्रसाद यादव पर आरोप लगाया था कि वे करोड़ों की बेनामी संपत्ति के मालिक हैं। उन्होंने चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में अपने गुप्त व्यवसायों का उल्लेख नहीं किया था। उन्होंने लालू के बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप के अलावा बेटी मीसा भारती पर बेनामी प्रापर्टी खरीदने का आरोप लगाया है। दरअसल लालू और उनके परिवार पर दिल्ली में अवैध तरीके से 115 करोड़ की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। दरअसल लालू का परिवार ऐसी कंपनियों का मालिक है, जिसके सभी शेयरधारक और निदेशक पद पर लालू के परिवार के लोगों का कब्जा है। इतना ही नहीं दिल्ली के सबसे पॉश इलाके में जमीन खरीदने के लिए मुंबई के पांच बड़े ज्वेलर्स, सोने के व्यापारियों ने इस कंपनी को वर्ष 2007-2008 में एक-एक करोड़ रुपये बिना ब्याज के कर्ज दिए। इसी रुपये से उसी वर्ष नई दिल्ली के डी-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में 800 वर्गमीटर जमीन मकान सहित खरीदा गया। आज इस जमीन की कीमत 55 करोड़ से ज्यादा है। इस जमीन पर लालू परिवार का चार मंजिला मकान है।
कम नहीं बेटी भी
बेटी मीसा भी बाप से कम नहीं है। आरोप है कि वह और उसके पति शैलेश ने दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट के पास बिजवासन में सिर्फ1़41 करोड़ रूपये में फार्म हाउस खरीदा। जबकि इसकी वास्तविक कीमत 100 करोड़ है। सैनिक फाम्र्स में भी पति-पत्नी ने एक फार्म हाउस खरीदा था, जो संदेह के घेरे में है। जमीन के ये सौदे यूपीए के कार्यकाल में हुए, तब लालू केंद्र में मंत्री थे। रजिस्टार ऑफ कंपनीज के अनुसार मीसा और शैलेश चार कंपनियों के डायरेक्टर हैं।
जुबानी जंग
सुशील कुमार मोदी के आरोपों के बाद उनके खिलाफ जुबानी हमले तेज हो गए हैं। राजद तो हमले कर रही है, बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा भी उनके खिलाफ बोल रहे हैं। ट्विटर पर दोनों के बीच जुबानी जंग चल रही है। शत्रुघ्न का कहना है कि बिना पूरे सबूत के इस तरह के आरोप लगाना सही नहीं है। उन्होंने लालू के परिवार और बेटों को क्लीन चिट देने जैसा बयान भी दिया। इसका लालू के बेटों ने स्वागत भी किया। इससे साफ है कि बीजेपी का एक नेता सबूत दिखाते हुए आरोप लगा रहा है तो दूसरा उसे नकार रहा है। इस तरह से उनके अंदर ही फूट पड़ी हुई है। वैसे सुशील मोदी के आरोपों के बाद राजद ने उन पर मानहानि का मुकदमे करने की धमकी दी है। लेकिन मोदी ने इससे नहीं डरने की बात कही है। उनका कहना है कि वे अपने बयान पर कायम हैं।