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चाइना की स्टॉक मार्केट क्रैश: भारत सहित वैश्विक बाजारों में गिरावट का सिलसिला तेज

99739-96442-bse-500मुंबई : चीन के बाजारों से उठी चिंता ने गुरुवार को भारत सहित वैश्विक बाजारों को फिर झकझोर दिया तथा स्थानीय शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला और तेज हो गया। इसका असर विदेशी विनिमय बाजार पर भी दिखा तथा डॉलर के मुकाबले रुपया और टूट गया। वित्तीय और प्रतिभूति बाजार में उठापटक के बीच निवेशकों का झुकाव सोने की ओर दिखा। वैश्विक बाजार में सोने के भाव में तेजी और रुपए की कमजोरी से मूल्यवान धातुओं के स्थानीय बाजार में पीली धातु में आज अच्छा खासा उछाल आया। इसके साथ ही चांदी की चमक भी बढ गयी है।

वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने निवेशकों की चिंता दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में खुद इतना दम खम है कि वह वैश्विक नरमी का मुकाबला कर सकती है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्ति कांतादास ने साथ साथ यह भी कहा कि भारत विश्व की सबसे तेज गति से वृद्धि कर रही अर्थव्यवस्था है। साथ बंबई शेयर बाजार का मानक सूचकांक आज करीब 555 अंक की भारी गिरावट के साथ 19 महीने के न्यूनतम स्तर 24,851.83 पर बंद हुआ। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 172.70 अंक या 2.23 प्रतिशत गिर कर 7,568.30 अंक पर बंद हुआ। जमीन-जायदाद, बुनियादी ढांचा, वाहन, धातु तथा पूंजीगत वस्तु बनाने वाली कंपनियों के शेयर सर्वाधिक प्रभावित हुए।

डॉलर के मुकाबले रुपया भी 11 पैसे और टूट कर तीन सप्ताह के न्यूनतम स्तर पर 66.93 पर पहुंच गया। सोने की चमक और तेज हुरही और दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना स्टैंडर्ड 400 रुपए से अधिक उछाल के साथ 26,330 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इस साल अबतक बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के कुल बाजार पूंजीकरण में 3.0 लाख करोड़ रुपये से अधिक की गिरावट आ चुकी है। सभी सूचीबद्ध शेयरों के मूल्य पर आधारित निवेशकों की कुल संपत्ति घटकर 96,91,131 करोड़ रुपये पर आ गयी जो 2015 के अंतिम कारोबारी दिन में 100.38 लाख करोड़ रुपये थी।

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