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चैत्र नवरात्र: ये है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और बीज मंत्र

हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि को बहुत ही खास महत्व दिया जाता हैं वही इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरूवात 25 मार्च दिन बुधवार से हो रही हैं इस दिन नवरात्रि का पहला दिन होगा। इस दिन ही शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना होगी और नौ दिनों तक व्रत उपवास किया जाएगा।

नवरात्रि में हर दिन देवी मां के नौ स्वरूपों की विधिपूर्वक आराधना की जाती हैं। जो लोग नवरात्रि में नौ दिनों तक उपवास रखते हैं वे लोग ही कलश स्थापना कर सकते हैं। वही अष्टमी के दिन कन्या पूज का विधान होता हैं चैत्र नवरात्रि की महानवमी को रामनवमी के नाम से भी जाना जाता है इस दिन श्री राम का जन्म हुआ था। तो आज हम आपको चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना मुहूर्त और मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

वही इस साल चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा नौका पर सवार होकर आ रही हैं इसका अर्थ यह हैं कि सर्वसि​द्धी की प्रापित होगी। इस बार की नवरात्रि नौ दिनों की होगी। नौ दिन की नवरात्रि को शुभता और खुशहाली का प्रतीक माना जाता हैं। वही 25 मार्च यानी दिन बुधवार के दिन 5 बजकर 57 मिनट पर सूर्योदय होगा, इसके पश्चात कलश स्थापना किया जा सकता हैं

अगर अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना चाहते हैं तो दिन में 11 बजकर 36 मिनट से दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक कलश स्थापित कर लेना शुभ होगा। वही नवरात्रि के पावन त्योहार में तन और मन से निर्मल रहे और विचारों में शुद्धता रखें। कलश स्थापना से लेकर कन्या पूजन तक आपको फलाहार करते हुए उपवास करना होता हैं।

जानिए नौ देवियों के बीज मंत्र—

शैलपुत्री: ह्रीं शिवायै नम:।

ब्रह्मचारिणी: ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।

चन्द्रघण्टा: ऐं श्रीं शक्तयै नम:।

कूष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:।

स्कंदमाता: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।

कात्यायनी: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।

कालरात्रि: क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।

महागौरी: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।

सिद्धिदात्री: ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।

 

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