ज्ञान भंडार

जिन बच्चों का हुआ था शोषण, वो बदला लेने के लिए बांट रहे हैं HIV

img_20161215025536LIVE NEWS: कभी देश की राजधानी रही कोलकाता में एक चौंकाने वाला सच सामने आया है जहां फुटपाथ में रहने वाले बच्चे बदला लेने के लिए लोगों को एचआईवी दे रहे हैं।

इन बच्चों पर अध्ययन कर रहे दो प्रोफेसर यह बात जानकर हैरान रह गए जब उन्हें पता चला कि इन मासूमों को पता है कि उनको एचआईवी है फिर भी वह ग्राहकों के कंडोम न इस्तेमाल करने की शर्त पर ही साथ जाने को राजी होते हैं।
हिंदी अखबार में छपी के खबर के मुताबिक जादवपुर विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसर विष्णुपद नंदा और सुनीता मंडल ने फुटपाथ में रहने वाले इन बच्चों के बारे में अध्ययन किया है।
जिसमें पता चला है कि ये बच्चे हर तरह के शोषण के शिकार हैं जिसमें यौन शोषण, हिंसा, पुलिसिया उत्पीड़न शामिल है। इस अत्याचार के खिलाफ इन बच्चों में काफी जहर भर गया है और समाज के प्रति नफरत भी है। इनमें ज्यादातर नशे के भी आदी हैं।
इसी के चलते उनके अंदर बदले के भावना भी है। यही कारण है कि उनको इस बात का पता होते हुए भी कि उनको एचआईवी जैसी गंभीर बीमारी है, फिर भी वह लोगों को मौत बांट रहे हैं।
प्रोफेसरों से बातचीत में कई बच्चों ने कहा ‘मैं अकेले क्यों मरूं, हम इन्हें भी अपने साथ मौत के रास्ते खींच लाएंगे’।
इन बच्चों की उम्र 9 से 14 साल के बीच है और अपना पेट भरने के लिए जिस्म बेचने को मजबूर हैं। इनसे बातचीत में पता चला है कि इनका इस्तेमाल समलैंगिक पोर्न फिल्म बनाने के लिए भी किया गया है।
फिलहाल इस तरह का मामला सामने के आने के बाद से सरकारी तंत्र और  तमाम एनजीओ की भी पोल खोल चुकी है जो ‘बचपन बचाने’ के नाम पर लाखों-करो़ड़ों के वारे-न्यारे कर रहे हैं। 

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