टॉप न्यूज़राज्यराष्ट्रीय

जुलाई के अंत में देश को मिलेगा दूसरा राफेल बेड़ा, हाशिमारा एयरबेस पर तैनाती

भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) सीमा पर निगरानी की अपनी ताकत और बढ़ाने जा रही है. वायुसेना की ओर से जुलाई के अंत तक राफेल लड़ाकू विमान की दूसरी स्क्वाड्रन का संचालन करने की संभावना है और इसे पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर तैनात किया जाएगा. इस तैनाती से सेना चीनी सीमा पर अपनी तैयारी को और मजबूत कर सकेगी.

सरकारी सूत्रों ने आजतक/इंडिया टुडे को बताया कि स्क्वाड्रन जुलाई के अंत तक यानी 26 जुलाई तक परिचालन शुरू कर देगी और अंबाला में पहले ही आ चुके राफेल विमान (Rafale aircraft) अगले हफ्ते से वहां जाएंगे. फ्रांस से आए राफेल विमानों की पहली स्क्वाड्रन (first squadron) हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स स्टेशन (Ambala Airforce base) पर तैनात है और राफेल ने पूर्वी लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में चीन के साथ सीमाओं पर गश्त भी शुरू कर दी है.

हाशिमारा एयरबेस में दूसरा स्क्वाड्रन चीनी वायुसेना के खिलाफ हवाई तैयारियों को एक बड़ी मजबूती देगी क्योंकि इससे कई चीनी हवाई क्षेत्र भारतीय विमानों की जद में आ जाएगी. पिछले साल चीन से टकराव शुरू होने के बाद पूर्वी लद्दाख और अन्य मोर्चों पर गश्त के लिए राफेल को तैनात किया जा चुका है.

भारत द्वारा करीब 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर (सितंबर 2016) करने के चार साल बाद, अत्याधुनिक 5 राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप पिछले साल 29 जुलाई को भारत पहुंची थी. वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास आधे से ज्यादा राफेल विमान हैं और शेष विमान 2022 तक आने की उम्मीद है. फ्रांस में निर्मित 5 राफेल लड़ाकू विमानों को पिछले साल 10 सितंबर को अंबाला में एक समारोह में भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था.

वायुसेना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पहली स्क्वाड्रन पाकिस्तान से लगती पश्चिमी सीमा और उत्तरी सीमा की निगरानी करेगी जबकि दूसरी स्क्वाड्रन भारत के पूर्वी सीमा क्षेत्र की निगरानी करेगी. एक स्क्वाड्रन में करीब 18 विमान होते हैं. भारत अब स्वदेश में विकसित स्टील्थ फाइटर्स एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के साथ-साथ 114 मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट के ऑर्डर देने जा रहा है, जिसके सात स्क्वाड्रन अगले 15-20 सालों में वायुसेना में शामिल होंगे.

पिछले सालों में सितंबर में विमानों को औपचारिक रूप से बेड़े में शामिल किए जाने के बाद राफेल लड़ाकू विमानों का दूसरा सेट नवंबर में भारत पहुंचा था. दो इंजन वाले राफेल जेट विभिन्न प्रकार के मिशनों को अंजाम देने में सक्षम हैं.

Related Articles

Back to top button