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डोनाल्ड ट्रंप ने दिए परमाणु संधि से हटने के संकेत, रूस की चेतावनी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि उनका देश शीत युद्ध के दौरान रूस के साथ की गई परमाणु हथियार नियंत्रण संधि से अलग हो जाएगा। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि रूस कई वर्षों से इस समझौते का ”उल्लंघन कर रहा है। मध्यम दूरी परमाणु शक्ति (आईएनएफ) संधि की अवधि अगले दो साल में खत्म होनी है। साल 1987 में हुई यह संधि अमेरिका और यूरोप तथा सुदूर पूर्व में उसके सहयोगियों की सुरक्षा में मदद करती है।

रूस के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का शीत युद्ध के समय के परमाणु हथियार समझौते से हटने की उनकी योजना खतरनाक है। रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रेयाबकोव ने कहा कि परमाणु हथियार समझौते से हटना खतरनाक कदम होगा साथ ही कहा कि सैन्य क्षेत्र में पूरी तरह से अपने अधिकार के प्रयास के लिए वाशिंगटन को अंतरराष्ट्रीय निंदा का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले अमेरिका का राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि वह मध्यम दूरी परमाणु शक्ति (आईएनएफ) संधि से अलग हो जाएगा। गौरतलब है कि आईएनएफ संधि की अवधि अगले दो साल में खत्म होनी है। साल 1987 में हुई यह संधि अमेरिका और यूरोप तथा सुदूर पूर्व में उसके सहयोगियों की सुरक्षा में मदद करती है। मध्यम दूरी परमाणु शक्ति (आईएनएफ) संधि अमेरिका तथा रूस को 300 से 3,400 मील दूर तक मार करने वाली जमीन से छोड़े जाने वाली क्रूज मिसाइल के निर्माण को प्रतिबंधित करती है। इसमें सभी जमीन आधारित मिसाइलें शामिल हैं। ट्रंप ने नेवादा में शनिवार को पत्रकारों से कहा, ”हम समझौते को खत्म करने जा रहे हैं और हम इससे बाहर होने जा रहे हैं। ट्रंप से उन खबरों के बारे में पूछा गया था कि उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन चाहते हैं कि अमेरिका तीन दशक पुरानी संधि से अलग हो जाए। उन्होंने कहा,”हमें उन हथियारों को विकसित करना होगा। साल 1987 में अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और उनके तत्कालीन यूएसएसआर समकक्ष मिखाइल गोर्बाचेव ने मध्यम दूरी और छोटी दूरी की मिसाइलों का निर्माण नहीं करने के लिए आईएनएफ संधि पर हस्ताक्षर किए थे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ”जब तक रूस और चीन एक नए समझौते पर सहमत नहीं हो जायें तब तक हम समझौते को खत्म कर रहे हैं और फिर हथियार विकसित करने जा रहे हैं। ट्रंप ने आरोप लगाया, ”रूस ने समझौते का उल्लंघन किया। वे कई वर्षों से इसका उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ”जब तक रूस और चीन हमारे पास नहीं आते और यह नहीं कहते कि चलिए हम में से कोई उन हथियारों का निर्माण नहीं करे, तब तक हमें उन हथियारों को बनाना होगा। अगर रूस और चीन यह कर रहे हैं, और हम समझौते का पालन कर रहे हैं तो यह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि जब तक दूसरे देश इसका उल्लंघन करते रहेंगे तब तक अमेरिका इस समझौते का पालन नहीं करेगा। ट्रंप ने आरोप लगाया कि उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा ने इस पर चुप्पी साधे रखी। उन्होंने कहा, ”मुझे नहीं पता कि क्यों ओबामा ने बातचीत करने या बाहर निकलने की कोशिश नहीं की। हम उन्हें परमाणु समझौते का उल्लंघन करने नहीं देंगे। उन्होंने कहा,”हम वे हैं जो समझौते पर कायम रहे और हमने समझौते का सम्मान किया। इस बीच, रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेइ रयाबकोव ने रविवार को कहा कि अमेरिका के समझौते से हटना एक खतरनाक कदम है। रयाबकोव ने संवाद समिति तास से कहा,”यह बहुत ही खतरनाक कदम होगा। मुझे यकीन है कि न केवल अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे समझेगा बल्कि इसकी कड़ी निंदा भी की जायेगी। मास्को से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पूर्व सोवियत नेता मिखाइल गोर्बाचेव ने रविवार को शीत युद्ध के दौरान रूस के साथ की गई परमाणु हथियार संधि से अलग होने संबंधी ट्रंप के अविवेकपूर्ण निर्णय की निंदा की। 87 वर्षीय गोर्बाचेव ने इंटरफैक्स संवाद समिति को दिये एक साक्षात्कार में कहा,”यह समझना वाकई मुश्किल है कि इन संधियों से अलग हो रहे है … क्या यह ज्ञान की कमी दिखाता है? उन्होंने कहा,” संधि से बाहर होना एक गलती है।

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