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थाने की बिजली काटने वाले लाइनमैन ने दिलाया 9500 कर्मियों को 4 माह का बकाया वेतन

लखनऊ : फिरोजाबाद में संविदा कर्मी के रूप में तैनात बिजली विभाग के कर्मचारी ने ट्रैफिक पुलिस के चालान करने के बाद ऐसा कदम उठाया, जिनकी सराहना उसके साढ़े नौ हजार से अधिक सहयोगी कर रहे हैं। संविदा कर्मी को बीते चार महीने से वेतन नहीं मिल रहा था और उस पर ट्रैफिक पुलिस कर्मी ने पांच सौ रूपया चालान की रसीद थमा दी। इससे क्रोधित यह कर्मी थाना पहुंचा और बकाया बिल केे हवाले से वहां की बिजली काट दी। इसके बाद तो खलबली मच गई। यह अनोखा मामला जब लखनऊ पहुंचा तो बड़ा फैसला हो गया। फिरोजाबाद में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीन हजारों संविदा कर्मी कार्यरत हैं। इनमें से एक हैं श्रीनिवास। संविदा पर लाइनमैन श्रीनिवास का दावा था कि उसे पिछले चार महीने से सैलरी नहीं मिली थी। इस कड़की के दौर में फिरोजाबाद में उसके वाहन का चालान कर दिया गया। उसने ट्रैफिक पुलिस कर्मी को बताया कि चार महीना से वेतन नहीं मिला है, इसके बाद भी उसका मन नहीं पसीजा। पांच सौ रुपया का चालान थमा दिया। वह इससे क्रोधित हो गया और अपने साथियों के साथ जाकर थाना की बिजली काट दी। फिरोजाबाद के इस बिजली कर्मी की हिम्मत रंग लाई। लाइनमैन श्रीनिवास बिजली विभाग में संविदा कर्मचारी (कॉट्रैक्ट बेसिस) हैं। इसका पुलिस ने चालान कर दिया था। वह 500 रुपये जुर्माना नहीं पाया क्योंकि उसे सैलरी नहीं मिल रही थी। लाइनमैन ने बाद में अपने सहयोगी कर्मचारी से लाइन पुलिस स्टेशन पर बकाया बिजली बिल की जानकारी मांगी। लाइनमैन को पता चला कि पुलिस स्टेशन पर 6,62,463 रुपये का बिजली बिल बकाया है। बस उसको मौका मिल गया और लाइनमैन ने उसी का हवाला देते हुए बिजली काट दी। बिजली विभाग के सब डिविजनल ऑफिसर ने बताया कि श्रीनिवास ने 500 रुपये जुर्माना भरने को लेकर अपनी असमर्थता जताई थी। उसका वेतन महज 6000 रुपये है। हमने लाइन पार पुलिस स्टेशन से इस बारे में बात कर उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माने। शायद इसी कारण श्रीनिवास ने यह कदम उठाया। उसने हमें इस बारे में बताया नहीं था। श्रीनिवास के खिलाफ बिजली विभाग ने आंतरिक विभाग में जांच बैठा दी है. हालांकि पीवीवीएनएल के निदेशक (कार्मिक) राकेश कुमार कुशवाहा ने कहा थाने की बिजली कटने का ट्रैफिक चालान से कोई लेना-लेना नहीं है।
बिना हेलमेट चालान काटे जाने के बाद लाइनपार थाने की बिजली काटने का मामला गरमा गया है। पावर कारपोरेशन चेयरमैन ने तो अधीनस्थों से जवाब तलब किया ही है, उधर एसएसपी ने भी सीओ को पूरी मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मंगलवार दोपहर तीन बजे चौकी इंचार्ज जयना रमेश कुमार फोर्स के साथ रेलवे फाटक के पास वाहनों की चेकिंग के दौरान लाइनमैन श्रीनिवास का बिना हेलमेट का चालान किया था। लेबर कॉलोनी सब स्टेशन पर तैनात लाइनमैन दुपहिया वाहन से जा रहा था। चालान से भड़के लाइनमैन ने लाइनपार थाने का बिल निकलवाकर शाम पांच बजे कनेक्शन काट दिया था। आरोप है कि चालान से भड़का लाइनमैन सीधा दफ्तर पहुंचा और एसडीओ को बात बताई। इसके बाद जाकर शाम लगभग पांच बजे लाइन पार थाने की बिजली काट दी। साथ ही बिजली विभाग का 6.66 लाख के बकाए का चालान भी काट दिया। इसकी खबर लगते ही खलबली मच गई। लाइन मैन श्रीनिवास का कहना था कि एसडीओ के कहने पर लाइन काटी गई थी। एसडीओ लेबर कॉलोनी विद्युत स्टेशन रनवीर सिंह ने बताया कि पुलिस द्वारा मनमाने तरीके से चालान काटे जा रहे थे। लाइनमैन को चार महीने से वेतन नहीं मिला है, कहां से चालान भरेंगे। बकाए में थाने की लाइट काटी गई थी। सीओ सदर बलदेव सिंह के आपत्ति जताने के बाद रात नौ बजे हालांकि कनेक्शन जोड़ दिया गया था। इस प्रकरण में उप्र पावर कारपोरेशन के चेयरमैन आलोक कुमार ने पत्र भेजकर एसडीओ से जवाब तलब किया है। एसएसपी सचिंद्र पटेल द्वारा जांच सौंपे जाने के बाद सीओ सदर बलदेव सिंह ने एसडीओ को पत्र भेजा है। इसमें जानना चाहा है कि विद्युत कनेक्शन काटने का क्या नियम है। क्या पहले थाने या पुलिस विभाग को कोई नोटिस दिया गया था। सीओ ने बताया कि अप्रैल में ही बिजली विभाग को सवा करोड़ का भुगतान किया गया है। थाने पर 6.66 लाख का बिल बकाया है, इसकी जानकारी कनेक्शन काटने से पहले दी जानी चाहिए थी। लाइनपार थाने से एसडीओ कार्यालय की दीवार सटी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरी कॉलोनी की बिजली गुल हो जाने के बाद भी थाने की बिजली नहीं जाती थी। थाने के लिए अलग से लाइन भी दी गई थी। अधिशासी अभियंता प्रथम फीरोजाबाद एके पांडेय ने बताया कि मैंने बुधवार को ही चार्ज लिया है। इस प्रकरण में जानकारी की गई है। बिल के बकाए में थाने का कनेक्शन काटे जाने से पहले उच्चाधिकारियों को बताया जाना चाहिए था।

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