अन्तर्राष्ट्रीय

‘पाकिस्तान को खुलकर मसूद अजहर का नाम लेने से भी डर लगता है’

पठानकोट हमले के मास्टर माइंड मसूद अजहर को यूनाइटेड नेशंस में वैश्विक आतंकवादी के तौर पर लिस्ट कराने के भारत के प्रयास की आलोचना करने वाले पाकिस्तान के बयान से आतंकवादी नेटवर्क को पाकिस्तान का ‘मौन समर्थन’ दिखता है.

masood-azhar-580x395आधिकारिक सूत्रों ने भारत के कदम को ‘राजनीतिक रूप से प्रेरित’ और ‘‘हल्की सूचना पर आधारित’’ बताने वाली पाकिस्तान के बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि वह अपने बयान में मसूद का नाम लेने से भी डरता है.

सूत्रों ने जैश-ए-मोहम्मद समेत बाकी के आतंकवादी संगठनों को पाकिस्तानी से जिस तरह का सहयोग मिलता है उसके बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘उन्हें अजहर का नाम लेने से भी डर लगता है.’’ पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख के खिलाफ भारत के कदम की बात करते हुए अपने बयान में अजहर का नाम नहीं लिया था.

जकारिया ने बयान में कहा था, ‘‘आईएसआईएस, अलकायदा से जुड़े 1267 कमिटी ने भारत के राजनीति से प्रेरित प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. हल्की सूचना और आधारहीन आरोपों से भरे भारत के प्रस्ताव में कोई दम नहीं था और इसका मुख्य उद्देश्य उसके संकीर्ण राष्ट्रीय एजेंडे को आगे बढ़ाना था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रस्ताव का खारिज होना सुरक्षा परिषद की इस महत्वपूर्ण समिति का राजनीतिकरण करना और उसके कार्य को कमतर करने के भारतीय प्रयासों का खारिज होना भी है.’’

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