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पीएम मोदी- नए भारत में किसी के सरनेम से कोई फर्क नहीं पड़ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए एक कार्यक्रम को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने कहा कि नए इंडिया के मूल में व्यक्तिगत आकांक्षाएं, सामूहिक प्रयास और राष्ट्रीय प्रगति के लिए स्वामित्व की भावना है। न्यू इंडिया सहभागी लोकतंत्र, नागरिक केंद्रित सरकार और सक्रिय नागरिकता का है। भारत अब उन क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है जहां हम शायद ही पहले मौजूद थे। चाहे वह स्टार्टअप हों या खेल आप छोटे शहरों और गांवों के उन साहसी युवाओं के बारे में सुन रहे हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को पता नहीं था।

उन्होंने कहा, ‘इन युवाओं का परिवार प्रतिषिठ्त या बड़े बैंक बैलेंस वाला नहीं है। उनके पास समर्पण और आकांक्षा है। वे अपनी आकांक्षा को उत्कृष्टता में बदलकर भारत को गौरवान्वित कर रहे हैं। यह नए भारत की विचारधारा है। यह नया भारत है जहां किसी युवा के सरनेम से कोई फर्क नहीं पड़ता। उनका अपनी क्षमता पर नाम बनाना मायने रखता है। नया भारत कुछ लोगों की नहीं बल्कि हर नागरिक की आवाज है। यह वह भारत है जहां भ्रष्टाचार एक विकल्प नहीं है चाहे कोई भी शख्स क्यों न हो। योग्यता ही आदर्श है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आप ऐसे बदलाव देख रहे हैं जो पहले असंभव लगते थे। हरियाणा जैसे राज्य में यह सोचा तक नहीं जाता था कि सरकारी नौकरियां इतनी पारदर्शी तरीके से होंगी। लेकिन अब लोग पारदर्शी नौकरियों के बारे में बात कर रहे हैं। अब लोगों को रेलवे स्टेशन पर वाई-फाई सुविधा का इस्तेमाल करते देखना आम बात है। क्या आपने कभी सोचा था कि यह हकीकत बनेगा। सिस्टम वही है। लोग भी वही हैं। बड़े पैमाने पर जमीन पर परिवर्तन हुए हैं। हमारी सरकार ने तेजी से गरीबों के लिए डेढ़ करोड़ मकान बनाए हैं। बहुत सारे लोग मुझसे पूछते हैं कि योजनाएं और पैसा पहले भी मौजूद था फिर आपने क्या अलग किया?’

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