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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के सहयोग से बने ‘रुद्राक्ष’ कन्‍वेंशन सेंटर का किया लोकार्पण

वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को रुद्राक्ष कन्वेंंशन सेंटर समेत 1475 करोड़ की सौगात देने सुबह पहुंचे। प्रधानमंत्री का हेलिकाप्‍टर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के आईआईटी टेक्‍नो ग्राउंड पर सुबह 11.02 बजे पहुंच गया। इसके बाद सीएम का संबोधन हुआ और प्रधानमंत्री ने सुबह 11:27 बजे सभी योजनाओं को जनता को समर्पित किया। सम्बोधन के बाद प्रधानमंत्री बीएचयू के एमसीएच का निरीक्षण करने पहुंचे और कोरोना की तीसरी लहर से बचाव की तैयारियों का जायजा लेने के बाद साथ 18 कोरोना वारियर्स से बात की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने दोपहर दो बजे जापान के सहयोग से बने रुद्राक्ष कन्‍वेंशन सेंटर का लोकार्पण किया।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘रुद्राक्ष’ में आधुनिक चमक और सांस्कृतिक आभा है। यह परियोजना भारत-जापान संबंधों और भविष्य के अवसरों की संभावनाओं को दर्शाती है। आज दोनों देशों के प्रयासों से विकास और द्विपक्षीय संबंधों पर एक नया अध्याय लिखा गया है। काशी में विकास की नदी बह रही है। काशी का प्राचीन वैभव अब अपने आधुनिक रूप में विद्यमान है। यह कभी रुकता या थकता नहीं है। कोविड के दौरान जब देश रुका तो काशी संतुलित और अनुशासित रहा, लेकिन विकास का प्रवाह जारी रहा। इस दौरान उन्होंने जापान सरकार का विशेष रूप से आभार जताया।।

प्रधानंमत्री मोदी ने कहा कि अभी अपने पिछले कार्यक्रम में मैंने काशीवासियों से कहा था कि इस बार काफी लम्बे समय के बाद आपके बीच आने का सौभाग्य मिला। लेकिन बनारस का मिजाज ऐसा है कि अरसा भले ही लंबा हो जाये, परंतु ये शहर जब मिलता है तो भरपूर रस एक साथ ही भरकर दे देता है। चाहे सामरिक एरिया हो या आर्थिक एरिया, जापान आज भारत के सबसे विश्वसनीय दोस्तों में से एक है। हमारी दोस्ती को इस पूरे क्षेत्र की सबसे प्राकृतिक भागीदारी में से एक माना जाता है। उन्होंने कहा कि भारत और जापान की सोच है कि हमारा विकास हमारे उल्लास के साथ जुड़ा होना चाहिए। ये विकास सर्वमुखी होना चाहिए, सबके लिए होना चाहिए, और सबको जोड़ने वाला होना चाहिए। पिछले 6-7 वर्षों में बनारस के हैंडीक्राफ्ट और शिल्प को मजबूत करने की दिशा में काफी काम हुआ है। इससे बनारसी सिल्क और बनारसी शिल्प को फिर से नई पहचान मिल रही है।

वहीं रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2018 में जापान की मदद से रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला रखी गई थी। काशी अध्यात्म, साहित्य, संगीत का बहुत ही महत्वपूर्ण केंद्र है। इसका उद्घाटन आज होने जा रहा है। यह खुशी का क्षण है।

दोपहर 1.50 बजे रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्‍वेंशन सेंटर पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिसर में रुद्राक्ष का एक पौधा रोपकर इस भवन का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया। इस दौरान जापान सरकार की ओर से प्रतिनिध के रूप में भारत में जापान के राजदूत सातोशी सुजुकी भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने निरीक्षण के बाद प्रबुद्धजनों को संबाेधित भी किया। इस दौरान जापानी निर्माण प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद रहा। आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रुद्राक्ष पर आधारित मॉडल भेंट करने के साथ रुद्राक्ष पर ही बने अंगवस्‍त्र को भेंट किया।

वहीं रुद्राक्ष पर बने एक वृत्‍तचित्र को भी सीएम के संबोधन के बाद दिखाया गया। वहीं जापान के प्रधानमंत्री योशिहुदे सुगा का रिकार्डेड वीडियो संबोधन भी इस दौरान सुनाया गया। जिसमें जापान के प्रधानमंत्री ने भारत जापान के संबंधों पर अपने विचार रखते हुए इसे आगे भी जारी रखने के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराई। रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि काशी ने बुलाया तो एक साथ विकास कार्यों की झड़ी लगा दी। महादेव के आशीर्वाद से काशीवासियों ने विकास की गंगा बहा दी है। सैकड़ों करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्‍यास हुआ है। काशी का वैभव आधुनिक स्‍वरुप के अस्‍तित्‍व में आ रहा है। बाबा की नगरी थमती और रुकती नही है। स्‍वभाव को सिद्ध किया है।

कोरोना में दुनिया ठहर गई तो काशी संयमित हुई अनुशासित हुई लेकिन स्रजन और विकास की धारा बहती रही। काशी के विकास के आयाम इंटरनेशनल सेंटर रुद्राक्ष आज इसी रचनात्‍मकता और गतिशीलता का परिणाम है। काशी के हर जन को बधाई देता हूं। भारत के परम मित्र जापान और पीएम के साथ जापान के राजदूत को भी धन्‍यवाद देता हूं। जापान के पीएम का संदेश देखा। उनकी वजह से यह उपहार मिला है। जापानी पीएम उस समय चीफ सेक्रेटरी थे और तबसे इसमें व्‍यक्तिगत तौर पर शामिल रहे। इस आयोजन में एक और व्‍यक्ति जिनको भूल नहीं सकता। शिंजो आबे जी, मुझे याद है जब वह प्रधानमंत्री के तौर पर काशी आए थे तो रुद्राक्ष के आइडिया पर लम्बी चर्चा की। उन्‍होंने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिया और जापान के कल्‍चर पर परफेक्‍शन और प्‍लानिंग के साथ काम किया और आज भव्‍य इमारत काशी की शोभा बढ़ा रही है। भविष्‍य की संभावनाओं का स्रोत है। अपने पन पर जापान से ऐसे ही सांस्‍कृतिक संबंध की रूपरेखा खींची थी। विकास के साथ दोनों देशों के रिश्‍तों में मिठास का अध्‍याय लिखा जा रहा है।

रुद्राक्ष के साथ ही गुजरात में भी जापान में जापानी गार्डन और एकाडमी का लोकार्पण हुआ था। वैसे ही जैन गार्डन भी दोनों देशों के बीच सुगंध फैला रहा है। जापान भारत के सबसे विश्‍वसनीय दोस्‍तों में एक है। पूरे क्षेत्र में नैचुरल पार्टनर में एक हैं। विकास और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में जापान हमारा साझेदार है। हाईस्‍पीड रेल, कारीडोर जापान के सहयोग से न्‍यू इंडिया की ताकत बन रहे हैं। हमारा विकास हमारे उल्‍लास के साथ जुड़ा होना चाहिए। विकास सर्वमुखी सबके लिए और सबको जोड़ने वाला होना चाहिए।

पुराणों में कहा गया है कि सबके हित के लिए सबके कल्‍याण के लिए आंसुओं से गिरा रुद्राक्ष है, उनकी अंश्रुबूंंद मानव प्रेम का प्रतीक है। रुद्राक्ष भी दुनिया को आपसी प्रेम कला संंस्‍कृति से जोड़ने का काम करेगा। काशी सबसे पुराना शहर है। सीर से सारनाथ ने सबकुछ संजोकर रखा है। ठुमरी दादरा ख्‍याल कजरी चैती जैसी बनारस की चर्चित विख्‍यात गायन शैलियां सारंगी पखावज शहनाई हो बनारस के रोम रोम से गीत संगीत कला झरती है। घाटों पर कलाएं विकसित हुईं। बनारस गीत संगीत और धर्म आध्‍यात्म विज्ञान का केंद्र है। कल्‍चरल इवेंट के लिए बनारस आइडियल लोकेशन है। लोग देश विदेश से आना चाहते हैं। सुविधा मिले तो कला जगत के लोग बनारस को प्राथमिकता देंगे। रुद्राक्ष इन्‍हीें को साकार करेगा और केंद्र बनेगा।

बनारस में कवि सम्‍मेलन के फैन दुनिया में हैं। इस सेंटर में 1200 लोगों के बैठने की सुविधा है, पार्किंग और दिव्‍यांगों के लिए सुविधा है। हैंडीक्राफ्ट और शिल्‍प को पहचान मिल रही है। कारोबारी गतिविधि भी बढ़ रही है। इसका उपयोग बिजनेस में किया जा सकता है। काशी का पूरा क्षेत्र साक्षात शिव हैं। सारी विकास परियोजनाओं से काशी का श्रृंगार हो रहा है तो बिना रुद्राक्ष के कैसे पूरा हो सकता था। अब रुद्राक्ष काशी ने धारण कर लिया है तो शोभा बढ़ेगी। इसका पूरा उपयोग करना है। सांस्‍कृतिक सौंदर्य प्रतिभा को इससे जोड़ना है। भारत जापान को भी इससे मजबूती मिलेगी। महादेव के आशीर्वाद से काशी की पहचान बनेगा यह केंद्र। जापान सरकार, प्रधानमंत्री का आभार व्‍यक्‍त करता हूं और बाबा आप सभी को खुश स्‍वस्‍थ और सजग रखें। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करें। हर हर महादेव। धन्‍यवाद।

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