फेसबुक पर तीखी हुई ‘फ्री सेक्स’ की बहस, बेबाक हो रहे लोग
उक्त व्यक्ति ने कविता के खिलाफ कमेंट करना जारी रखा, जब तक कविता की मां लक्ष्मी कृष्णन ने फेसबुक पर आकर उसे जवाब नहीं दिया। लक्ष्मी कृष्णन ने लिखा – हाय जीएम दास, मैं कविता की मां हूं, बिलकुल मैंने फ्री सेक्स किया है, जब और जैसे मैं करना चाहती थी और जिसका साथ चाहती थी, उसी के साथ मैंने फ्री सेक्स किया। सहमति से सेक्स चाहने वाले हर पुरुष और महिला के अधिकार के लिए मैं लड़ी क्योंकि मैं अनफ्री सेक्स को रेप समझती हूं।
कविता और लक्ष्मी की इस पोस्ट के बाद फेसबुक पर फ्री सेक्स को लेकर बहस छिड़ गई है। महिला अधिकार और सहमति से सेक्स को लेकर कविता की बेबाकी और सोच को जहां फेमिनिस्ट यूजर सराह रहे हैं तो वहीं इन विचारों को लताड़ने वाले यूजरों की भी कमी नहीं है।
बताते चलें कि कविता ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमन एसोसिएशन की सेक्रेटरी और सीपीएम (एमएल) पोलित ब्यूरो की सदस्य हैं। उनकी मां लक्ष्मी भी वामपंथी विचारधारा से जुड़ी हैं। इतना ही नहीं कविता सोशल मीडिया पर CPI-ML के मुखपत्र ‘लिबरेशन’ की एडिटर भी हैं।
दरअसल पिछले साल जेएनयू के कुछ टीचरों ने परिसर में छात्रों के बीच शराब और सेक्स को लेकर माहौल पर एक दस्तावेज तैयार किया था जिसमें परिसर में चल रहे कथित फ्री सेक्स की आलोचना की गई थी। कविता ने उसी दस्तावेज के विरोध में फेसबुक पर फ्री सेक्स का समर्थन करते हुए लिखा कि वो फ्री सेक्स की पक्षधर हैं क्योंकि बिना मर्जी के लिए गया सेक्स रेप की श्रेणी में आता है। इसी संबंध में एक और दस्तावेज में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी कविता के खिलाफ काफी कुछ बोल चुके हैं।