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बाढ़ और बारिश से तबाही, कर्नाटक में बहीं रेल पटरियां

नई दिल्ली : कई राज्यों में बाढ़ और बारिश का कहर जारी है। केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात में बाढ़ और बारिश से अबतक करीब 106 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं अकेले केरल में 42 और कर्नाटक में अबतक 24 लोगों की मौत हुई है। मध्य प्रदेश के कई जिले बाढ़ बारिश का प्रकोप झेल रहे हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र के सांगली में बाढ़ के हालात ऐसे हैं कि जिन सड़कों पर गाडिय़ां दौड़ती थीं वहां आज नाव चल रही है। हालांकि महाराष्ट्र के सांगली और कोल्हापुर में बाढ़ का पानी घट रहा है।
वहीं कर्नाटक में तेज बारिश की वजह से जिंदगी तो ठप हो ही गई है। रेलवे को भी बहुत नुकसान पहुंचा है। बारिश की वजह से कई जगह जमीन धंसने की खबरें आईं है। इसकी वजह से ट्रेन की पटरियों पर मलबा भर गया है। नतीजतन कई रूट पर ट्रेनों की आवाजाही को रोकना पड़ गया है। रिपोर्ट के मुताबिक सकलेशपुर और सुब्रमण्य स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर कई जगहों पर लैंडस्लाइड हुई है। बारिश की धार में रेलवे ट्रैक के नीचे की मिट्टी पूरी तरह से बह गई है। कई स्थानों पर रेलवे ट्रैक पर कई टन मिट्टी गिरी हुई है। रेलवे ने इन पटरियों से मलबा हटाने का काम शुरू किया है, लेकिन लगातार बारिश से परेशानी हो रही है।
केरल में मूसलाधार बारिश का कहर अब भी जारी है और बाढ़, भूस्खलन और बारिश संबंधी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है। वहीं, एक लाख से अधिक लोगों ने राहत शिविरों में पनाह ली है। 8 अगस्त से अभी तक बारिश संबंधी घटनाओं में कोझिकोड और मलप्पुरम में जिले में 20 और वायनाड में नौ लोगों की जान गई है।
राज्य के 988 राहत शिविरों में 1,07,699 लोगों को सुरक्षित पहुंचाया गया। वायनाड से सबसे अधिक 24,990 लोगों ने इन शिविरों में पनाह ली है। अब भी कई लोगों के मलप्पुरम और वायनाड में हुए भूस्खलन के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। वहां राहत अभियान जारी है। वायनाड में लगातार बारिश के कारण राहत कार्य प्रभावित हो रहा है।
कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रनवे पर शुक्रवार को बाढ़ की वजह से पानी भर गया था जिसके बाद आज तक उड़ानों का परिचालन बंद कर दिया गया था।
कर्नाटक में बारिश से राहत ना मिलने के कारण शनिवार को बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई. राज्य में ज्यादातर नदियां उफान पर हैं। राज्य में अभी तक बाढ़ और बारिश से संबंधित घटनाओं में 24 लोगों की मौत हो चुकी है। बेलागवी के अलावा बागलकोट, विजयपुरा, रायचुर, यादगीर, गडग, उत्तर कन्नड़, हावेरी, हुबली-धारवाड़, दक्षिण कन्नड़, चिकमंगलुरु और कोडागु बाढ़ और बारिश से प्रभावित जिले हैं.दावणगेरे जिले के तुंगभद्र में बाढ़ के कारण कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं।
दक्षिण कन्नड़ जिले में नेत्रवती नदी के उफान पर होने के कारण पूरा पाणे मंगलुरू गांव जलमग्न हो गया। जिले में बंटवाल में कई मकान डूब गए जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री जर्नादन पुजारी का मकान भी शामिल है.हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री और उनके परिवार के सदस्यों को बचा लिया गया। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में चार हेलीकॉप्टरों को काम में लगाया गया है। कर्नाटक सरकार ने राज्य में मूसलाधार बारिश और बाढ़ से 6000 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है। राज्य में बारिश से संबंधित विभिन्न घटनाओं में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि यह 45 सालों में सबसे बड़ी आपदा है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने केंद्र से राहत के तौर पर 3000 करोड़ रुपये मांगे हैं। येदियुरप्पा ने कहा कि एनडीआरएफ और सशस्त्र बलों के दल बचाव और राहत कार्यों में लगे हैं।
वहीं महाराष्ट्र के कोल्हापुर और सांगली जिलों में शनिवार को बाढ़ से थोड़ी राहत मिलने के संकेत दिखे और जलमग्न इलाकों से पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। अधिकारियों के मुताबिक जिलों से पानी पूरी तरह हटने में दो से तीन दिन का समय लगेगा।
कोल्हापुर और सांगली जिलों में नौसेना के 110 कर्मियों के साथ 26 टीमें और 26 नौकाएं राहत और बचाव अभियान में जुटी हैं और वे तब तक वहीं बने रहेंगे, जब तक बाढ़ की स्थिति में सुधार नहीं होता। भीषण बाढ़ की चपेट में आये कोल्हापुर, सांगली, सतारा, पुणे और शोलापुर जिलों से 2.85 से अधिक लोगों को निकाला गया है और शुक्रवार तक इन जिलों में बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 29 हो गयी।
गुजरात में आज सौराष्ट्र और कच्छ में बारिश का अनुमान है। बाढ़ बारिश के कारण अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। राजकोट, वड़ोदरा और जामनगर में एक एक एनडीआरएफ की टीम को भेजा गया है. शनिवार को सीएम विजय रुपाणी ने समीक्षा बैठक की।
मौसम विभाग ने निम्न दबाव के प्रभाव से समुद्र में स्थिति खराब होने की आशंका के मद्देनजर लोगों को सावधानी बरतने को कहा है और मछुआरों को आज और कल यानि सोमवार को समुद्र तट के पास या समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है। ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट पर गहरा दबाव बनने से राज्य के दक्षिण और पश्चिम हिस्से में करीब नौ जिलों और उसके आस पास के क्षेत्र में कई इलाकों में हाल में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गयी थी। मूसलाधार बारिश के कारण कालाहांडी, कंधमाल, कोरापुट और मलकानगिरी जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी और इन नौ जिलों में 1,035 गांवों में रहने वाले 1.77 लाख लोग प्रभावित हुए थे।

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