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बिना इजाजत इस्तेमाल किया वाई-फाई, तो रोजा मकरूह

एजेंसी/ लखनऊ : क्या आप अपने पड़ोसी, सहकर्मी या किसी सर्विस प्रोइडर का वाई-फाई बिना उसकी इजाजत के इस्तेमाल करते हैं? अगर हां, तो सतर्क हो जाइए। यह आपके रोजे के आड़े आ सकता है। इस्लाम में इसकी इजाजत नहीं है। सऊदी अरब से जारी फतवे के मुताबिक, बिना इजाजत किसी के वाई-फाई इस्तेमाल करना गैर-इस्लामिक है। सउदी अरब से जारी इस फतवे को राजधानी लखनऊ के धर्मगुरुओं ने भी सही बताया है। उनका कहना है कि यह एक तरह से चोरी हुई। इसकी इजाजत मजहब में नहीं है।

सऊदी अरब से यह फतवा अली अल हाकमी ने जारी किया है। वह काउंसिल ऑफ सीनियर स्कॉलर्स के सदस्य हैं और सऊदी राजा को धार्मिक मामलों में सलाह देते हैं। फतवे में कहा गया है कि अगर आप किसी का वाई-फाई इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको इसके मालिक या प्रोवाइडर के इजाजत जरूरी है। बिना मालिक की जानकारी के इसका इस्तेमाल किया जाना गुनाह है।

वेबसाइट पर भी पूछा गया था सवाल

दुबई के इस्लामिक अफेयर्स ऐंड चैरिटेबल ऐक्टिविटीज डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर भी वाई-फाई के बिना इजाजत इस्तेमाल का सवाल पूछा गया था। साइट ने भी इसे गैर इस्लामिक करार दिया है। हां, अगर मालिक इजाजत दे तो उसके वाई-फाई का इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

ये है लखनऊ में धर्मगुरुओं की राय

फतवा सही है। बिना इजाजत के किसी दूसरे की चीजों का इस्तेमाल तो गलत है ही। अगर आपको किसी दूसरे की चीजों को इस्तेमाल करना है तो आपको उसकी इजाजत लेनी चाहिए। यह केवल वाई-फाई का मसला नहीं है। सभी चीजों पर लागू होता है।

खालिद रशीद फरंगी महली, सुन्नी धर्म गुरु

फतवे में जो कहा गया है वह गलत नहीं है। यह बिल्कुल सही है। वाई-फाई तो महज एक उदाहरण है। इस्लाम में तो यहां तक कहा गया है कि अगर मेरी जमीन खाली है और मैं इजाजत न दूं तो आपका उससे गुजरना भी ठीक नहीं है।

मौलाना सैफ अब्बास नकवी, शिया धर्म गुरु

 

अगर नहीं है जानकारी तो माफी

मौलाना सैफ अब्बास नकवी कहते हैं कि अगर किसी को इसके बारे में जानकारी नहीं है और वह ऐसा कर जाता है तो अल्लाह उसे माफ कर देता है। गुनाह तो तब ही हुआ जबकि आपको जानकारी हो कि आप गलत कर रहे हैं और इसके बाद भी गलती करें।

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