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बिना दिल के 555 दिन

Stan-Larkinएजेंसी/ लंदन : क्या आप कल्पना कर सकते है कि कोई बिना दिल के एक मिनट भी गुजार सकता है। ऐसा मुमकिन हुआ है स्टान लार्किन के साथ। 25 साल के स्टान का हाल ही में कंप्लीट हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ है। इससे पहले वो एक साल तक बिना मानव ह्दय के ही जी रहे थे, उनके शरीर में एक आर्टिफिशियल दिल लगाया गया था।

कृत्रिम दिल बैकपैक में चौबीसों घंटे और सातों दिन पूरे 555 दिनों तक के लिए लगाया गया था। इस दिल ने उनके शरीर में ब्लड को पंप किया और उन्हें जीवित रखा। इतना ही नहीं अपने साहस का परिचय देते हुए स्टान ने इसी अवस्था में बास्केट बॉल खेलकर डॉक्टरों को भी अचंभित कर दिया।

डिवाइस की कामयाबी ने ऐसे अन्य मरीजों के इस्तेमाल के लिए भी रास्ते खोल दिए है। हार्ट फेल होने पर जब तक डोनर नहीं मिल जाता, तब तक इसके सहारे जिंदगी बिताई जा सकती है। 2014 में लार्किन मिशिगन के पहले ऐसे मरीज बने थे जिसे अस्पताल से कृत्रिम ह्रदय के साथ छुट्टी दी गई थी, जिसे साइकार्डिया कहते हैं।

स्टान और उनके भाई ने टीनएज में ही इस जेनेटिक कार्डियोमायोपैथी का पता लगाया था। यह एक जेनेटिक हार्ट कंडीशन है, जिसमें बिना किसी वॉर्निंग के हार्ट फेल हो जाता है। एथलीटों में मौत का सबसे बड़ा कारण यही होता है। मिशिगन यूनिवर्सिटी में फ्रांकेल कार्डियोवस्कुलर सेंटर के ट्रांसप्लांट सर्जन जोनाथन हाफ्ट ने कहा कि दोनों भाइयों को गंभीर बीमारी थी।

हमें इनका ट्रांसप्लांट करना था, लेकिन हम जानते थे कि हमारे पास वक्त बहुत कम है। लेकिन तभी डॉक्टरों ने इनके दिल से अलग एक डिवाइस तैयार की। स्टान के छोटे भाई को डोनर जल्द ही मिल गया था। लेकिन स्टान को इस साल जोनर मिला। फिलहाल दोनों स्वस्थ है।

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