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बिहार के DGP ने कहा- बाहर फंसे लोग स्क्रीनिंग के बाद ही पहुंच पाएंगे अपने घर

पटना: बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए जारी लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे लोगों के आवागमन की छूट के केंद्र सरकार के निर्णय पर आज कहा कि ऐसे मजदूर, छात्र एवं अन्य लोग तीन स्तर पर स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही अपने-अपने घर पहुंच पाएंगे।

पांडेय ने यहां कहा कि बड़ी संख्या में बाहर फंसे मजदूरों एवं छात्रों के बिहार आने पर कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के फंसे लोगों को उनके घर भेजने के निर्णय के बाद लोगों का शीघ्र ही आना शुरू हो जाएगा। बिहार के करीब 1० से 15 लाख लोग हैं, जो दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। इनमें से एक तिहाई लोग भी अपने घर आने की इच्छा रखते होंगे तो इन लोगों को उनके घर पहुंचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि फंसे लोग जब दूसरे राज्यों से बिहार के लिए निकलेंगे तब उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके बाद उनके बिहार की सीमा पर पहंचने पर स्क्रीनिंग होगी। उसके बाद ही उन्हें उनके जिलों में भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि जिलों में भी फिर से जांच होगी और उसके बाद उन्हें प्रखंड स्तर पर बनाए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा।

पांडेय ने बताया कि बिहार की सीमा पर बनाए गए आपदा राहत केंद्रों में आने वाले लोगों के रहने, खाने एवं चिकित्सा की व्यवस्था की गई है। बाहर से आने वाले लोगों के लिए सीमा पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा कि बिना स्क्रीनिंग एवं चिकित्सीय जांच के अपने घर नहीं जा सकेंगे। चौकीदारों को निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई बिना स्क्रीनिंग के अपने गांव पहुंचता है तो वे इसकी सूचना अविलंब प्रशासन को दें।

पुलिस महानिदेशक ने कहा कि फंसे लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के काम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि इस काम में सभी राजनीतिक दलों के कार्यकतार्ओं को भी आगे बढ़कर मदद करनी चाहिए।

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