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बिहार में है जंगल राज क्योंकि बाहूबलियों की पत्नियों पर मेहरबान हैं नीतीश

पटना nitish-kumar-14-1463212719। बिहार में एक बार फिर बढ़ते अपराध को लेकर नितीश के सुशासन की सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। राज्य में सत्ता की बागडोर संभालने के कुछ दिनों बाद ही महागठबंधन की सरकार में लगातार घटित हो रहे अपराध ने फिर से बिहार मे ‘जंगल राज’ कायम होने की इस बात को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। हालफिलहा गया में हुए चर्चित आदित्य हत्याकांड ने सरकार पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। एटीआर के एक रिपोर्ट के मुताबिक नीतीश की सरकार में बिंदी यादव जैसे एक बाहुबली नेता नहीं करीब सैकड़ों बाहुबली नेता संरक्षण में पल रहे हैं।

रिपोर्ट की मानें तो महागठबंधन की सरकार में सैकड़ों ऐसे विधायक हैं जिनके ऊपर दर्जनों अपराधिक मामले दर्ज हैं और सबसे अधिक दागी विधायक महागठबंधन के ही सरकार में शामिल हैं। राष्ट्रीय जनता दल की अगर बात करें तो 81 विधायकों में से 46 ऐसे विधायक हैं जिनके खिलाफ हत्या लूट के दर्जनों मामले दर्ज हैं। तो जदयू के 71 विधायक में से 37 विधायक अपराधी छवि वाले हैं। वही कांग्रेस के 27 विधायक में से 16 पर अपराधिक मामले दर्ज हैं। इसे देखकर यह लगता है कि अपराधियों के संरक्षण देने में महागठबंधन की सरकार टॉप पर है। वहीं अगर बात भारतीय जनता पार्टी की करें तो 53 विधायक मे से 34 विधायक अपराधी छवि वाले हैं। जबकि सीपीआई के निर्वाचित विधायकों में से तीन तथा रालोसपा और लोजपा के एक-एक विधायक के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज हैं। आपको बताते चलें की नवनिर्वाचित विधायकों में से 12 ऐसे विधायक हैं जिन पर हत्या का मामला चल रहा है। वही 26 विधायकों पर हत्या का प्रयास और 9 विधायकों पर अपहरण का मामला दर्ज है। तो 13 ऐसे विधायक हैं जिनके खिलाफ रंगदारी मांगने के गंभीर आरोप लग चुके हैं।

बिहार के बाहुबली विधायकों का “बाहूबली सम्राज” अगर बात बिहार के बाहुबली विधायकों की करे तो कई ऐसे बाहूबली विधायक हैं जिनके ऊपर दर्जनों मामले दर्ज होने के बाद भी उनकी बाहूबली सम्राज आज तक कायम है। जैसे कि वारिसनगर विधानसभा क्षेत्र के बाहुबली विधायक प्रदीप कुमार के खिलाफ 27 मामलो मे से 18 गंभीर मुकदमा दर्ज हैं। तो मधुबनी के विधायक शिवजी राय के खिलाफ 14 में से आठ गंभीर मामले पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हैं। वहीं बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और मटिहानी के पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह के खिलाफ 15 मामले दर्ज हैं जिसमें 13 गंभीर अपराधिक मामले हैं। वहीं एकमा विधायक मनोरंजन सिंह के खिलाफ कुल 18 मामले दर्ज हैं जिसमें से छह गंभीर मामला है। तो कुचायकोट के बाहुबली विधायक अमरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ कुल 11 मामले दर्ज हैं। विधायक की काली करतूतों ने सरकार की छवि को कर दिया धूमिल बिहार में महागठबंधन की ऐतिहासिक जीत के बाद कई ऐसे विधायक हैं जिनके खिलाफ कई तरह के अपराधी मामले दर्ज किए गए हैं। वही अगर दर्ज अपराधिक मुकदमे के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो राष्ट्रीय जनता दल की अपेक्षा जदयू के कई ऐसे विधायक हैं जिन्होंने सरकार की छवि धूमिल कर दिया है। जिसे देख बिहार के जदयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार भी सोच में पड़ गए हैं। आपको बताते चले कि बिहार में महा गठबंधन की सरकार बनने के बाद जदयू के विधायक गोपाल मंडल मंडल पर एक मामले में डीएसपी को धमकी देने का आरोप दर्ज किया गया था। जिसके बाद उन्होंने एक बीजेपी कार्यकर्ता को गोली मारने की भी धमकी दी थी। तो जदयू विधायक सरफराज आलम में ट्रेन में एक महिला के साथ छेड़छाड़ कर बिहार में सुशासन की सरकार को दागदार कर दिया था। वहीं जदयू के विधायक राणा गंगेश्वर ने राष्ट्रगान को लेकर कई तरह के विवादित बयान के साथ सवाल खड़ा किया था। राजद के महिला विधायक कुंती यादव के बेटे द्वारा डॉक्टर के साथ मारपीट करने का मामला दर्ज हुआ था ,तो विधायक सरोज यादव पर भी रंगदारी के साथ-साथ धमकी देने का मामला दर्ज हुआ था। साथ ही राजद के विधायक हरिशंकर यादव के बेटे द्वारा पंचायत चुनाव के दौरान लोगों के साथ मारपीट करने तथा अपने पक्ष में वोट डालवाने का मामला दर्ज किया गया था। अब अगर बात महागठबंधन की सरकार में शामिल कांग्रेस की करें तो कांग्रेस के विधायक सिद्धार्थ पर नाबालिग लड़की को अगवा करने का आरोप लगा था। साथ ही बिहार में कई ऐसे विधायक हैं जिनके ऊपर सरकार बनने के बाद कई संगीन आरोप लग चुके हैं। जिसमें सबसे ज्यादा सुशासन की सरकार की किरकिरी राजद के विधायक राजबल्लभ यादव ने की थी। जिसके खिलाफ 30हजार में एक नाबालिक को खरीद कर उसके साथ बलत्कार करने का मामला दर्ज हुआ था। बाहूबली की पत्नियों पर मेहरबान है जदयू की सरकार अगर बात की जाए जदयू की तो पार्टी में कुख्यात अपराधी से लेकर बाहूबली की पत्नियों पर जदयू की सरकार मेहरबान है। अगर आंकड़े पर गौर करें तो जदयू से टिकट लेकर करीब एक दर्जन से अधिक बाहूबली और कुख्यात अपराधियों की पत्नी ने चुनाव लड़ा और आज के दिन वे सभी विधायक हैं। इससे यह साफ तौर पर जाहिर होता है कि पत्नी के विधायक होने का लाभ बाहूबली और अपराधी उठाते हैं जिसका संरक्षण सरकार खुद करती है।

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