अद्धयात्मजीवनशैली

बीमारियों के लिए ‘रामबाण’ है यह मंत्र


ज्योतिष डेस्क : पुराणों में कहा गया है कि ॐ शब्द से भगवान शिव विष्णु और ब्रह्मा जी प्रकट हुए थे। सृष्टि के प्रारंभ में एक ध्वनि गूंजी जो थी ॐ, पूरे ब्रह्मांड में इसकी गूंज फैल गई। जिस कारण इस मंत्र को बाकि सभी मंत्रों का बीज मंत्र और ध्वनियों और शब्दों की जननी कहा जाता है। ॐ शब्द ओ उ म से मिलकर बना है, ओ का अर्थ आन्तरिक ऊर्जा से है, उ का अर्थ उच्चता को प्राप्त करना, म का अर्थ मौन रहकर ब्रम्हांड में लीन होना, इस मंत्र के विषय में ऐसा कहा जाता है कि इसके रोज़ाना जाप से शरीर में मौजूद आत्मा जागृत हो जाती है और रोग-तनाव से छुटकारा प्राप्त होता है इसलिए ज्योतिष शास्त्र में इसके जाप करने की सलाह दी गई है। वहीं वास्तुविदों का भी मानना है कि इसके प्रयोग से घर में मौजूद वास्तुदोषों से छुटकारा पाया जा सकता है। हिंदू धर्म में ॐ सबसे बड़ा प्रतीक माना गया है। इसका जाप करके भगवान शिव जी की साधना की जाती है। राक्षस तक शिव का आवाहन इसी मंत्र से करते हैं। तो वहीं ऋषि मुनि ॐ के साथ मंत्र का उच्चारण करते हैं। लेकिन इस मंत्र को इतना खास क्यों माना जाता है। क्यों राक्षस ऋषि साधु संत ज्ञानीअ इंसान और कई जगह पत्थर, पहाड़ और नदियों में से भी ॐ के जाप की ध्वनि सुनाई देती है। क्यों प्रकृति का हर जीव ॐ का जाप करता है। आखिर इसमें एेसी कौन सी महाशक्ति छिपी है।

जब ॐ शब्द का जाप किया जाता है तो यह गले में कम्पन्न और तरंगे उत्पन्न करता है जिसका शरीर के आंतरिक अंगों और थायराइड पर सकारात्मक असर होता है और हमारा शरीर अंदर से मज़बूत बनता है। जब हम ॐ शब्द का जाप करते है तो इससे जो ध्वनि और तरंगे उत्पन्न होती हैं इससे रक्त का प्रवाह शरीर के हर भाग में संतुलित रूप से होता है। अगर आप ॐ शब्द का उच्चारण करेंगे तो इससे पाचन तंत्र में जो तरंगे प्रवेश करेंगीं वह तरंगे पाचन तंत्र को क्रियाशील और सेहतमंद बनाती है। ॐ शब्द के उच्चारण से हमारा शरीर थकान मुक्त और ऊर्जावान रहता है जिसकी वजह से शरीर मन और हृदय को अंदर से शक्ति प्राप्त होती है। ॐ शब्द के उच्चारण से मानसिक तनाव और बुरे विचार दूर होते हैं जिसकी वजह से हमारा मन मजबूत होने लगता है और इच्छाओं पर भी कंट्रोल रहता है। ॐ की ध्वनि के कम्पन्न की तरंगों से हमारे फेफड़े स्वस्थ और मजबूत बने रहते हैं जो हमें बीमारियों से दूर रखते हैं। ॐ शब्द के उच्चारण से हमारा शरीर बहुत ज्यादा मज़बूत हो जाता है और हमारे अंदर किसी भी प्रकार का कोई भय नहीं रहता है। जब हम ॐ शब्द का उच्चारण करते हैं तो यह सही स्थिति और आसन में बैठने के संकेत हमारे दिमाग में अपने आप आ जाते हैं।

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