अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में आम चुनाव पर नेपाल की पैनी नजर

nepकाठमांडू  । भारत में होने जा रहे आम चुनाव पर नेपाल गहरी नजर रख रहा है  क्योंकि इस विशाल पड़ोसी मुल्क में होने वाले किसी भी राजनीतिक  आर्थिक बदलाव से उस पर गंभीर प्रभाव पड़ना लाजिमी है। नेपाल की भारत के साथ 1 85० किलोमीटर खुली सीमा लगती है।

लोग भारत की राजनीतिक नब्ज पर हाथ टिकाए हुए हैं उनमें केवल प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ही शामिल नहीं हैं  बल्कि वामपंथी  दक्षिणपंथी और मध्यमार्गी राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल हैं। कोइराला रोजाना अपने सहयोगियों और सलाहकारों से भारत की स्थिति पर जानकारी लेते रहते हैं।कोइराला के प्रेस समन्वयक प्रकाश अधिकारी ने आईएएनएस से कहा  ‘‘हम नियमित रूप से उन्हें भारत में चुनाव की ताजा स्थिति से अवगत कराते रहते हैं।’’भारत में राजनीतिक घटनाक्रम की ताजा स्थिति को समझने के लिए प्रधानमंत्री अंग्रेजी भाषा के अखबार को तरजीह देते हैं। इनमें स्थानीय और भारतीय दोनों ही अखबार होते हैं। कुछ बड़े बैनर के अंग्रेजी अखबार काठमांडू में शाम तक उपलब्ध हो जाते हैं जिनसे नेताओं  राजनयिकों  शीर्ष नौकरशाहों  पत्रकारों और यहां तक कि आम लोगों को भी भारतीय राजनीति की जानकारी मिलती है। अधिकारी ने कहा  ‘‘यदि कभी हम भारतीय राजनीति पर कोई रुचिकर स्टोरी और चुनाव से संबंधित ताजा घटनाक्रम देखते हैं तो हम उसकी प्रति निकाल कर प्रधानमंत्री को मुहैया कराते हैं।इसी तरह पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ माओवादी नेता बाबूराम भप्तराई नियमित रूप से भारतीय समाचार और सोसल साइटों को देखते रहते हैं।उनके सहयोगी विश्वदीप पांडे ने आईएएनएस को बताया  ‘‘वे लंबे समय से भारत के घटनाक्रम में रुचि लेते आ रहे हैं।’’

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