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भारत-म्यांमार सीमा पर फायरिंग

( उग्रवादियों के खिलाफ सेना का अभियान जारी )

नई दिल्ली: भारत और म्यांमार 1643 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा करते हैं पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के साथ म्यांमार की सीमा लगती है और यह सीमा तनावों , विवादों से मुक्त नही रहती । अक्सर यहां उग्रवादी संगठनों की गतिविधियां देखी जाती हैं।

पूर्वोत्तर भारत के दो अलग-अलग राज्यों में भारत-म्यांमार बॉर्डर पर आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच भारी गोलीबारी हुई है। यह घटना पूर्वोत्तर के उग्रवादी आतंकी समूहों द्वारा स्वतंत्रता दिवस के बहिष्कार के आह्वान के कुछ दिनों बाद हुई है। सुरक्षाबलों और आतंकियों का आमना-सामना पहले अरुणाचल प्रदेश के पंगसौ दर्रे के पास हुआ जबकि फायरिंग की दूसरी घटना नागालैंड के नोकलाक जिले में घटी। सरकार ने अपने एक बयान में बताया कि आतंकियों ने तिरप चांगलांग इलाके में भारत-म्यांमार बॉर्डर पार से असम राइफल्स के सैनिकों पर फायरिंग की है।

नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड’ (NSCN-KYA) और ‘यूनाइटेड लिबरेशन फ़्रण्ट ऑफ़ असम’ (ULFA-I) के उग्रवादियों के एक ग्रुप ने असम राइफल्स कैंप पर हमला बोला। उग्रवादियों ने कैंप पर हमला करने के लिए रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड तथा लाथोड बमों का इस्तेमाल किया। जिसके बाद असम राइफल्स के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की और उग्रवादियों पर तोबड़तोड़ गोलिया बरसाईं हैं।

हाल के वर्षों में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड ( इजाक मुइवा ) ने म्यांमार में रहने वाले विद्रोहियों और उत्तर पूर्वी भारत में रहने वाले विद्रोहियों के साथ मिलकर भारत सरकार और उत्तर-पूर्वी राज्यों के सुरक्षा के समक्ष बड़ी चुनौती उत्पन्न की है । इस गुट ने म्यांमार के टागा क्षेत्र में भारत विरोधी अभियानों को संपन्न करने का काम किया है। नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (खापलांग) ने म्यांमार के अराकान साल्वेशन आर्मी के विद्रोहियों और काचिन पृथकतावादियों के साथ मिलकर म्यांमार भारत संबंधों को खराब करने की कोशिश की है।

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