स्वास्थ्य

मानसून में डेंगू, मलेरिया और बुखार से बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स

भारत में मानसून जल्द ही दस्तक देने वाला है। जाहिर है बारिश होने से आपको गर्मी से राहत मिलती है। बारिश का मौसम जितना सुहाना होता है, उतने ही रोग अपने साथ लाता है। इसलिए इस मौसम में विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है। बारिश के मौसम में मच्छर तेजी से पनपते हैं जिससे आपको मलेरिया, डेंगू, बुखार और वायरल इन्फेक्शन आदी का अधिक खतरा होता है। इसके अलावा ह्यूमिडिटी बढ़ने से कई तरह की स्किन डिजीज और फंगल इन्फेक्शन का भी खतरा होता है।

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मानसून के मौसम में एक्जिमा, मुँहासे और सोरायसिस जैसी गंभीर त्वचा समस्याओ का खतरा होता है। इस मौसम में फंगस भी तेजी से फैलता है।

मानसून में हेल्दी रहने के टिप्स

-इस मौसम में स्ट्रीट फूड्स खाने से बचना चाहिए। क्योंकि इस मौसम में आप आसानी से बीमार पड़ सकते हैं।

-मच्छरों से राहत पाने के लिए किसी बेहतर विकल्प का इस्तेमाल करें। -इस दौरान एंटी-मलेरिया ड्रग्स लेना भी अच्छा विचार है।

-गंदे पानी में जाने से बचें। इससे लेप्टोस्पायरोसिस के अलावा पैरों और नाखूनों में फंगल इन्फेक्शन हो सकता है।

-सड़क पर जहां पानी जमा है, वहां चलने से बचें। यातायात से पानी आपके ऊपर आ सकता है।

-पैरों के गीले होने पर उन्हें अच्छी तरफ सूखा लें। गीले सॉक्स और शूज पहनने से बचें।

-बारिश में भीगने के बाद स्किन प्रॉब्लम्स से बचने के लिए पानी में बीटाडिन डालकर नहाएं।

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-दिन में दो बार नहाकर स्किन को क्लीन रखें। पसीने, ह्यूमिडिटी और गंदगी से स्किन प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।

-अपनी बॉडी को वार्म और ड्राई रखकर सर्दी-खांसी से बचें।

-गीले कपड़ों और बाल के साथ एसी वाले रूम में ना जाएं।

-सिंथेटिक फैब्रिक से बनें और टाइट कपड़े पहनने से बचें।

-पसीने से बचने के लिए एंटी-फंगल पाउडर लगाएं। फंगल इन्फेक्शन से बचने के लिए मैकोडर्म जैसे औषधीय पाउडर का उपयोग करें।

-अस्थमा और डायबिटीज से पीड़ित लोग नमी वाली दीवारों के पास ना रहें। इससे फंगस का खतरा होता है।

-हर्बल चाय, विशेष रूप से एंटीबैक्टीरियल गुणों वाली चाय का अधिक सेवन करें।

इम्युनिटी सिस्टम मजबूत करने और इन्फेक्शन से बचने के लिए विटामिन सी का अधिक सेवन करें।

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बच्चों की त्वचा विशेष रूप से कमजोर होती है जिस वजह से उन्हें मानसून के दौरान स्किन इन्फेक्शन इम्प्टिगो का अधिक खतर होता है। जिससे उन्हें दाने और घाव हो सकते हैं। यह घाव आमतौर पर मुंह और नाक के आसपास दिखाई देते हैं। इसके अलावा उन्हें खुजली की भी समस्या हो सकती है। इसलिए इस तरह की कोई भी समस्या होने पर डर्मटोलोजिस्ट को दिखाएं।

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