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मोदी को फिर से PM बनाने के लिए बुलेट रानी ने चलाई 15 हजार KM बाइक

राजलक्ष्मी ने इसी साल 15 जनवरी को कर्नाटक के बेंगलुरु से अकेले बाइक से बुलेट यात्रा की शुरूआत की थी. बाद में अलग-अलग राज्यों से बाइकर्स इस यात्रा में जुड़ते रहे. इस दौरान वह 10 राज्यों से 15000 किलोमीटर की बुलेट यात्रा कर रविवार को 62 द‍िन बाद दिल्ली पहुंचीं.

राजलक्ष्मी ने ‘आजतक ऑनलाइन’ से बात करते हुए कहा कि उनका एक ही मकसद है मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाना. इस पूरी यात्रा के दौरान उनकी टीम ने ‘दिल से मोदी फिर से मोदी’ का नारा भी दिया. उन्होंने कहा कि मोदी के समर्थन में ही वो अपनी पूरी यात्रा के दौरान लोगों से वोट देने की अपील करती रहीं.
मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा राजलक्ष्मी ने कहा क‍ि महिला सशक्तिकरण को लेकर मोदी सरकार ने जितना काम किया, उतना आज तक किसी ने नहीं किया. उनकी यात्रा दर्शाती है कि युवाओं और महिलाओं में मोदी के प्रति कितना उत्साह है. उनकी मुद्रा योजना हो या स्वास्थ्य योजनाएं, सबकी लोगों ने तारीफ ही की.

राजलक्ष्मी ने बताया वो बीजेपी में शामिल नहीं हुई है. वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और अपना एनजीओ चलाती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली ने उन्हें बहुत प्रभावित किया. इसीलिए वह इस मुहिम के तहत मोदी की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचा रही हैं.

इतने लंबे सफर में परेशानियों को लेकर उन्होंने कहा, छोटी मोटी परेशानी तो होती रहती है. रास्ते में दो बार बुलेट से ग‍िरी तो लाइट के साथ और भी चीजें डैमेज हो गईं. गाड़ी को रॉयल इनफील्ड के सर्विस सेंटर ले जाया गया, वहां 2 घंटे में गाड़ी ठीक हुई, तब आगे की यात्रा शुरू हुई. जिस मकसद से यात्रा के लिए निकली थी वह पूरा होता गया. इससे उन्हें खुशी महसूस होती है.

राजलक्ष्मी जिन 10 राज्यों से बुलेट यात्रा कर दिल्ली आई हैं, उनमें कर्नाटक, तम‍िलनाडु, आंध्रप्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली शामिल हैं.

राजलक्ष्मी की यह यात्रा कुल 172 जिलों से होकर गुजरी. उनकी टीम में उनके प‍िता भी शाम‍िल थे. इस यात्रा के साथ एक टेंपो-ट्रक भी चल रहा था ज‍िसमें उनके एनजीओ के 15-16 लोग रहते थे. इसके अलावा आगे और पीछे दो बाइक भी चलती थीं. द‍िल्ली पहुंचने पर 25 बाइकर्स हो गए थे, जो रास्ते से शाम‍िल हुए थे.

इस बड़ी यात्रा के खर्च के बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘यात्रा में मुख्य खर्चा डीजल और पेट्रोल का ही था. रुकने के ल‍िए वह और उनकी टीम ज‍िन जगहों पर रुकती थीं, होटल वाले पैसे नहीं लेते थे. रॉयल इनफील्ड वालों ने भी उन्हें सब जगह फ्री में सर्विस दी.’

गौरतलब है क‍ि राजलक्ष्मी कमर में बेल्ट बांधकर लोडर ट्रक खींचने का कारनामा कई राज्यों में कर चुकी हैं. इसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी उनका नाम दर्ज है. इससे पहले भी वह 10 द‍िन में 5 हजार क‍िलोमीटर की यात्रा बुलेट से कर चुकी हैं.

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