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यूपी: गैंगरेप के आरोपियों को 5 जूते मारकर छोड़ा

2-56a07896bfefc_exlstदस्तक टाइम्स एजेन्सी/ ‘अब न्याय की परवाह कौन करें जब कातिल ही मुंसिफ है।’ ये कहावत यूपी के बागपत के सामूहिक दुष्कर्म के मामले में चरित्रार्थ होते लगती है। जिले के पिलाना इलाके में पंचायत के फरमान के बाद छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले कुकर्मियों को महज पांच-पांच जूते मारकर छोड़ दिया गया।

पीड़िता के घरवालों के मुताबिक गांव के कुछ लोगों ने पीड़ित परिवार को बदनामी का डर दिखा कर पुलिस से भी शिकायत नहीं करने दी। शाम को गांव में पंचायत कर आरोपियों से माफी मंगवाई गई और पांच जूते मारकर छोड़ दिया गया।

पीड़ित परिवार के मुताबिक वारदात को उस वक्त अंजाम दिया गया जब उनकी बेटी अपनी सहेली के साथ मंगलवार सुबह कॉलेज जा रही थी। रास्ते में गांव के ही एक कैंटर चालक ने कॉलेज छोड़ने की बात कहते हुए दोनों को लिफ्ट दे दी।

कैंटर में दो अन्य युवक भी सवार थे। कॉलेज के पास पहुंचने पर उसकी सहेली को उतार दिया। यह कहते हुए कि छात्रा (पीड़िता) अभी आ जाएगी। आरोप है कि तीनों उसे एक अज्ञात स्थान पर ले गए, जहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।

एक घंटे तक इंतजार करने के बाद भी जब छात्रा कॉलेज नहीं पहुंची तो उसकी सहेली ने शिक्षकों को जानकारी दी। सूचना पर परिजन भी कॉलेज पहुंच गए और शिक्षकों के साथ छात्रा की तलाश शुरू की। करीब दो घंटे बाद छात्रा बेहोशी की हालत में गांव के बाहर तालाब के पास पड़ी हुई मिली।

होश में आने के बाद उसने परिजनों को आपबीती सुनाई। इससे गांव में हड़कंप मच गया। परिजनों ने पुलिस से शिकायत करने की कोशिश की तो गांव के लोगों ने उन्हें बदनामी का डर दिखा कर रोक दिया। शाम को गांव में पंचायत हुई। पंचों ने आरोपियों को पांच-पांच जूते मारने का फरमान सुनाया। आरोपियों के गलती मानने और पांच जूते मारने के बाद छोड़ दिया गया।

पीड़ित परिवार ने इस घटना की पुलिस से शिकायत नहीं की है। इस बाबत बालैनी थाना प्रभारी ओमवीर सिंह का कहना है कि इस मामले की उन्हें जानकारी तो मिली है, लेकिन किसी ने कोई शिकायत नहीं की है। लड़की के मान सम्मान की बात होने के कारण पुलिस ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है। दूसरी तरफ, ग्राम प्रधान का कहना है कि वे तो पंचायत में शामिल नहीं हुए, लेकिन गांव में इस संबंध में पंचायत हुई है। पंचायत में आरोपी युवकों को पांच-पांच जूते मारकर छोड़ा गया है।

 
 

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