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यूपी चुनाव से पहले मोदी विरोधी संजय जोशी पर डोरे!

sanjay-joshi-54eef3205e494_lप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के धुर विरोधी माने जाने वाले भाजपा के पूर्व महासचिव संजय जोशी की भाजपा में वापसी की अटकलें एक बार फिर तेज हो गई है। जोशी को लेकर संघ और भाजपा के संगाठनात्मक मामलों के प्रमुख नेताओं के बीच एक चक्र चर्चा हो चुकी है। 
 
संघ ने देश के अलग-अलग हिस्सों में संघ और भाजपा द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर जोशी को प्रमुख के रूप शामिल होने को कहा है। संघ सूत्रों के अनुसार बीते गुरुवार को जोशी मुम्बई गए थे जहां उनकी मुलाकात संघ के कई वरिष्ठ नेतओं से हुई थी। जहां संघ ने उन्हें विभिन्न माध्यमों से संगठन में सक्रिय होने को कहा है।
 
कार्यक्रम किया था रद्द 
सितंबर 2015 में भाजपा ने वाराणसी में मोदी के गोद लिए गए गांव जयापुर में एक ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में जोशी को आना था, लेकिन वरिष्ठ पार्टी नेताओं के दबाव में यह कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। सूत्रों के अनुसार मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उनके दबाव में ही संजय जोशी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर रखा गया था। इसके बाद भी जोशी और मोदी के बीच का विवाद खत्म नहीं हुआ तो उन्हें भाजपा से इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि, जोशी इसके बाद भी पार्टी के कई कामकाज से जुड़े रहे।
 
विरोध के बाद हाशिए पर चले गए थे 
ये बात किसी से छुपी नहीं है कि संजय जोशी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कट्टर विरोधी माने जाते हैं। मोदी का पार्टी में कद बढऩे के बाद जोशी पूरी तरह हाशिए पर ढकेल दिया गया था। लेकिन जोशी ने कभी भी मोदी और पार्टी के खिलाफ कोई कड़ी टिप्पणी नहीं की, बल्कि मोदी के समर्थन में स्वच्छता और गंगा सफाई अभियान में उनके काम का स्वागत किया।
 
करेंगे डैमेज कंट्रोल
इसी क्रम में जोशी मंगलवार को लखनऊ आ रहे हैं। वे यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की ओर से स्वामी विवेकानंद की जयंती पर आयोजित एक सेमिनार में मुख्य अतिथि होंगे। भाजपा मामलों के जानकार एंव राजनीतिक विशलेषक नरेन्द्र उत्तम का कहना है कि यूपी में पिछड़ा कार्ड खेलने की तैयारी में लगी भाजपा को संजय जोशी को आगे करने से बिखरते ब्राह्मण वोट बैंक का डैमेज कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।

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