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राम मंदिर की आड़ में धार्मिक भावनाएं भड़काने से बाज आए भाजपा : मायावती

100495-mayawatiलखनऊ : बसपा मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज भाजपा पर वोट के लिए राम मंदिर की आड़ में धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन हथकंडों से उसका भला नहीं होने वाला। 

मायावती ने अपने 60वें जन्मदिन पर संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया कि केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा साम्प्रदायिक तत्वों को खुली छूट देने से देश में अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया है और बुद्धिजीवी वर्ग भी सांसत में है।

उनके अनुसार प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख, मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उनके साथी संगठनों ने राम मंदिर के नाम पर धार्मिक भावनाओं से खेलना शुरू कर दिया है।

प्रधानमंत्री को भी आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी को छोड़कर बाकी पूरे प्रदेश की उपेक्षा करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राज्य में विधानसभा चुनाव आते देख इस सूबे के विकास की याद आने लगी है।

मायावती ने कहा कि भाजपा और मोदी ने दिल्ली और बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में भी चुनाव के मद्देनजर ‘नाटक’ शुरू कर दिया गया है, लेकिन जनता उनके झांसे में नहीं आने वाली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी भाजपा का बुरा हाल होगा।

बसपा अध्यक्ष ने भाजपा पर दलित मतदाताओं को लुभाने के लिये डाक्टर भीमराव अम्बेडकर के नाम पर तरह-तरह के हथकंडे अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार की अगर अम्बेडकर के प्रति सही मानसिकता है तो उसे उनकी 125वीं जयन्ती पर उनके अनुयायी दलितों और पिछड़ों के हितों के लिये जरूरी काम करने का निर्णय लेना चाहिये था।
 
उन्होंने तंज किया कि मोदी द्वारा पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान जनता को दिखाये गये सपने बस सपने बनकर ही रह गये हैं। अच्छे दिन आना तो दूर, पहले से भी बुरे दिन आ गये हैं। केन्द्र सरकार ने गरीबों के लिये जो योजनाएं शुरू भी की हैं तो उनका फायदा उन धन्ना सेठों को मिल रहा है, जिन्होंने भाजपा के चुनाव प्रचार पर धन लुटाया था।

मायावती ने पाकिस्तान को लेकर केन्द्र सरकार की नीतियों पर एक बार फिर सवाल उठाते हुए कहा, ‘पाकिस्तान को लेकर मोदी सरकार का रवैया अस्थिर लगता है।’ उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 90 से घटकर 33 डालर प्रति बैरल के स्तर पर आ गये हैं, लेकिन जनता को इसका फायदा क्यों नहीं मिला।

मायावती ने कहा कि ‘मनुवादी मानसिकता’ रखने वाले लोग किसी दलित की बेटी को बड़े पद पर नहीं देखना चाहते, इसीलिये वे उन्हें ‘दलित नहीं बल्कि दौलत की बेटी’ कहकर दुष्प्रचार करते हैं, लेकिन इसका कोई असर नहीं होता है।

उन्होंने कहा कि उनके समर्थक उन्हें हमेशा आर्थिक रूप से मजबूत देखना चाहते हैं, इसीलिये वे समय-समय पर अपनी इच्छा से उन्हें नकद, ड्राफ्ट वगैरह देकर मदद करते थे। जब ताज कॉरिडोर प्रकरण में सीबीआई ने उनके घर पर छापे मारे थे और उनके बैंक खाते सील कर दिये थे, तब भी समर्थकों ने उन्हें मदद की थी। बाद में उनके अनुरोध पर वे पार्टी में आर्थिक योगदान करने लगे थे। मायावती ने इस मौके पर ‘मेरा संघर्षमय जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा- भाग 2’ के हिन्दी तथा अंग्रेजी संस्करणों का विमोचन भी किया।

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