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राष्ट्रीय सुरक्षा पर राहुल ने बनाई टास्क फोर्स, डीएस हुड्डा करेंगे लीड

पुलवामा आतंकी हमले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर टास्क फोर्स बनाई है. इस टास्क फोर्स की अगुवाई लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) डीएस हुड्डा करेंगे. डीएस हुड्डा 2016 में पाकिस्तानी आतंकी लॉन्चपैड पर सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने वाली टीम का हिस्सा थे. यह टास्कफोर्स राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर एक्सपर्ट्स से मिलकर देश का विजन डॉक्युमेंट तैयार करेगी.

इससे पहले डीएस हुड्डा ने बातचीत में कहा था कि पूरे देश को एकजुट होकर आतकंवाद के खिलाफ सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए और पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान आर्मी के ऊपर प्रेशर नहीं आएगा तब तक पाकिस्तान के जवान आतंकवाद का समर्थन करते रहेंगे. सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) डीएस हुड्डा सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख थे. उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक का लाइव ऑपरेशन देखते हुए सेना के पराक्रम की कमान संभाली थी. डीएस हुड्डा भारतीय सेना के उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रह चुके हैं.

पुलवामा अटैक को लकेर कांग्रेस ने पूछे सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके मोदी सरकार पर निशाना साधा और लिखा, पुलवामा में शहीद हुए 40 जवानों को ‘शहीद’ का दर्जा नहीं दिया गया है, लेकिन अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपये तोहफे में दे दिए गए हैं.

इससे पहले कांग्रेस ने पुलवामा हमले को लेकर मोदी सरकार से पांच सवाल पूछे थे. कांग्रेस ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा संभावित हमले की जानकारी को नजरअंदाज करके हमारे वीर जवानों के जीवन को संकट में क्यों डाला गया? मोदी सरकार इसकी जवाबदेही से बच नहीं सकती. कई किलोग्राम विस्फोटक से भरी गाड़ी बिना किसी की नजरों में आए सड़क पर दौड़ती रही और किसी को भनक तक नहीं लगी. आखिर कैसे?

सर्जिकल स्ट्राइक के प्रचार के खिलाफ थे डीएस हुड्डा

बता दें, डीएस हुड्डा ने सर्जिकल स्ट्राइक के ज्यादा प्रचार पर कड़ी आलोचना की थी. उन्होने कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक जरूरी था और हम लोगों ने इसे किया. मुझे नहीं लगता कि इसका ज्यादा प्रचार होना चाहिए. सर्जिकल स्ट्राइक से यह समझना कि अब आतंक खत्म हो गया या पाकिस्तान बाज आ जाएगा, यह गलत है.

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