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रोहिंग्या मुसलमानों की भी हो कोरोना की जांच

नई दिल्ली : कोरोना के मरीजों की संख्या तीन दिन में कमी आई है। इसी बीच गृह मंत्रालय ने राज्यों को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा गया है कि ऐसी रिपोर्ट है कि निजामुद्दीन मरकज की शिविर में तबलीगी जमात के लोगों के साथ कुछ रोहिंग्या भी शामिल हुए थे। राज्यों के चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी और दिल्ली के पुलिस कमीश्नर को लिखी चिट्ठी में बताया गया है कि ऐसी रिपोर्ट है कि रोहिंग्या मुस्लिम तबलीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि वे कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। हैदराबाद के कैंप में रहने वाले रोहिंग्या हरियाणा के मेवात में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे और वे निजामुद्दीन मरकज भी गए थे। गृह मंत्रालय ने अपनी चिट्ठी में आगे बताया है, ‘ठीक उसी तरह दिल्ली के श्रम विहार और शाहीनबाग में रहने वाले रोहिंग्या भी तबलीगी जमात को कार्यक्रम में गए थे, जो अपने कैंप में वापस नहीं आए हैं।
मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा, तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद रोहिंग्या मुसलमानों की उपस्थिति पंजाब के डेराबस्सी और जम्मू में होने की खबर है। इसलिए, रोहिंग्या मुस्लिम और उनके संपर्क में आए लोगों की स्क्रीनिंग जरूरी है। राज्यों को इस दिशा में जरूरी कदम जल्द से जल्द उठाना चाहिए। दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज के मुखिया मौलाना साद के करीबी चार लोगों पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा कायम कर तफ्तीश शुरू कर दी है। आरोप है कि तीन मौलाना समेत चार लोगों ने फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की। इसके बाद दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज भी गए, लेकिन बीमारी फैलने के बाद भी यह बात पुलिस से छिपाई।

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