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लोकसभा चुनाव के चलते कश्मीर में बढ़ाए सुरक्षाबल: राज्यपाल

जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक बुलाई। यह बैठक विशेष रूप से पुलवामा आतंकी हमले और उसके बाद के घटनाक्रमों के संदर्भ में वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई थी। इस बैठक में बताया गया कि कश्मीर में अतिरिक्त केंद्रीय बलों को चुनाव के उद्देश्य को देखते हुए तैनात किया गया है।

केंद्रीय बलों की 100 कंपनियों को इस समय शामिल किया जा रहा है। आने वाले हफ्तों में और अधिक शामिल किया जाएगा। उम्मीदवारों और मतदाताओं के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में वृद्धि की संभावना के कारण लोकसभा चुनाव के लिए बड़े अतिरिक्त पुलिस बलों की आवश्यकता होती है।

कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां (10 हजार जवान) भेजी जा रही हैं। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को इन कंपनियों की तत्काल रवानगी का आदेश दिया है। हालांकि, गृह मंत्रालय के आदेश में इस बात का जिक्र नहीं है कि इतनी अधिक फोर्स की तैनाती क्यों की जा रही है, लेकिन कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए पर 26 से 28 फरवरी के बीच सुनवाई है। इसमें कोई फैसला आ सकता है। इसके मद्देनजर ही सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया है।

गृह मंत्रालय की ओर से राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव तथा डीजीपी को फैक्स संदेश भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में अतिरिक्त पैरा मिलिट्री फोर्स को तैनात किए जाना है। इसके लिए 100 कंपनियां (सीआरपीएफ-45, बीएसएफ-35, एसएसबी-10 व आईटीबीपी की 10 कंपनियां) मुहैया कराई जाएं।

सीआरपीएफ के आईजी (ऑपरेशन) को इन सुरक्षाबलों की तत्काल रवानगी की व्यवस्था करने को कहा गया है। इसके लिए सभी सुरक्षाबलों के आईजी से समन्वय बनाकर तत्काल रवानगी कराने को कहा गया है। सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय के आदेश के बाद जम्मू के पुलिस कंट्रोल रूम में बैठक कर रवानगी के फैसले को अमली जामा पहनाया गया। इन कंपनियों को घाटी के विभिन्न स्थानों पर तैनात किया जाएगा।

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