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लोकसभा में जम्‍मू कश्‍मीर आरक्षण संशोधन बिल 2019 पारित

नई दिल्‍ली : लोकसभा में संसद के बजट सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन छह माह बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे परिवारों को आरक्षण देने के प्रस्ताव संबंधी बिलों पर चर्चा का जवाब गृहमंत्री अमित शाह दे रहे हैं। शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इंसानियत, जम्हूरियत, कश्मीरियत की नीति अब भी चल रही है। इंसानियत महिलाओं को शौचालय, धुएं से मुक्ति की सुविधा 70 साल के बाद देने में है।’ गृहमंत्री ने कहा, राज्‍य में पंचायती चुनावों पर रोक लगी थी। 70 साल बाद लोगों को पंचायत में अपनी बात रखने का मौका मिला। ये जम्हूरियत है। कश्मीरियत की बात करते समय कश्मीरी पंडितों को बारे में सोचना चाहिए, वे कहां चले गए, उन्हें किसके कारण निकलना पड़ा। गृहमंत्री ने सवाल किया कि धर्म के आधार पर देश के विभाजन की गलती किसने की, देश का विभाजन हमने नहीं किया, तब नेहरु ने सीजफायर किया था। कश्‍मीर का हिस्‍सा पाक को आपने दिया… उस भूल की सजा लोग भुगत रहे हैं। उस भूल के कारण लाखों लोग मरे। नेहरु का नाम लेने पर लोकसभा में हंगामा शुरू हो गया। उपलब्‍धियों को गिनाते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्‍य में गोलीबारी से नुकसान पर आर्थिक मदद दी जाएगी। यहां 2 बॉर्डर बटालियन को मंजूरी दी गई। लद्दाख में हिल काउंसिल बनाया गया और इसके लिए बजट भी मिला। कश्‍मीरी पंडितों के लिए ट्रांजिट आवास बनाए गए। राज्‍य सरकार में 41000 नए पद हैं। कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए गृहमंत्री ने कहा कि शंका के बीज कांग्रेस ने रोपे हैं। लोगों में शंका कांग्रेस की देन है। उन्‍होंने आगे कहा, ‘जो भी जनादेश आया हमने माना। बीजेपी के राज में कोई धांधली नहीं है। राज्‍य में चुनाव का समय चुनाव आयोग तय करेगा। हमारे समय में चुनाव आयोग आजाद है।’ गृहमंत्री ने कहा, जम्‍मू कश्‍मीर में भारत का निशान नहीं था। जोशी-मोदी ने वहां तिरंगा फहराया कश्‍मीर की अावाम की हमको चिंता है। कश्‍मीर का कल्‍याण हमारी प्राथमिकता है। कश्‍मीर में 16 प्रोजेक्‍ट पूरे हो चुके हैं। कश्‍मीर ने काफी कुछ सहा है, ज्‍यादा भी देना पड़ा तो देंगे। विशिष्ट परिस्थिति के कारण राष्ट्रपति शासन का समय बढ़ाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति कांग्रेस के बार-बार धारा 356 के दुरुपयोग के कारण हुई है। गृहमंत्री ने कहा, 356 का इस्‍तेमाल राजनीति नहीं है। 132 बार लागू धारा 356 का 92 बार इस्‍तेमाल कांग्रेस राज में हुआ। नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंक के लिए जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को अपनाया है और मुझे यकीन है कि हमारी जनता के सहयोग से हम इसे पाने में सफल रहेंगे। गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि आज तक जमात-ए-इस्‍लामी को बैन क्‍यों नहीं किया, आप किसे खुश करना चाहते थे? जमात-ए-इस्‍लामी को बैन भाजपा सरकार ने किया। जेकेएलएफ को बैन भाजपा ने किया। गृहमंत्री ने आगे कहा, ‘जमात- ए- इस्लामी पर प्रतिबंध लगाया गया। आतंकियों की मदद करने वालों को प्रीवेंटिव कस्टडी में डाला गया। प्रशिक्षण कैंपों पर लगाम लगाया गया। गौरतलब है कि गृहमंत्री अमित शाह ने आज जम्‍मू कश्‍मीर से संबंधित दो प्रस्‍ताव-जम्‍मू-कश्‍मीर में राष्‍ट्रपति शासन बढ़ाने व आरक्षण संशोधन प्रस्‍ताव पेश किया। साथ ही उन्‍होंने राज्‍य में चुनाव को लेकर कहा कि रमजान और अमरनाथ यात्रा को देखते हुए चुनाव इस वर्ष के अंत तक कराने की तैयारी है। आरक्षण संशोधन के प्रस्‍ताव को पेश करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि इससे राज्‍य के लोगों को काफी लाभ मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि अंतरराष्‍ट्रीय सीमा के आस-पास गोलीबारी के बीच रहने वाले लोगों को भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में राष्‍ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा, जम्‍मू-कश्‍मीर में मौजूदा राष्ट्रपति शासन की अवधि 2 जुलाई को पूरी होने वाली है जिसे 6 माह और बढ़ाया जाना जरूरी है। रमजान और अमरनाथ यात्रा के देखते हुए राज्य में चुनाव इस वर्ष के अंत तक कराने की तैयारी चल रही है। गृह मंत्री ने कहा, यह विधेयक किसी को खुश करने के लिए नहीं है, बल्‍कि उनके लिए है जो अंतरराष्‍ट्रीय सीमा के निकट रहते हैं। उन्‍होंने कहा कि हम जम्‍मू-कश्‍मीर के हालात को मॉनिटर कर रहे हैं। पूर्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा दिए गए समय सीमा के भीतर बॉर्डर एरिया में बंकरों का निर्माण किया जाएगा। हर जिंदगी हमारे लिए महत्‍वपूर्ण है।’ गृह मंत्री ने कहा, ‘पीओके और पश्चिम पाकिस्तान से आए शरणार्थियों की मदद की गई है। 15000 बंकरों का निर्माण किया जा रहा है। पशुधन के मारे जाने पर मुआवजा दिया जा रहा है।’ उन्‍होंने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे गांवों के छात्रों को भी आरक्षण देने का प्रस्ताव है।

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