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शांति की पहल के साथ शरीफ ने यूएन में उठाया कश्मीर का मुददा

दस्तक टाइम्स/एजेंसी

ns1संयुक्त राष्ट्र। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर का मुददा उठाते हुए कहा कि इस मुद्दे का समाधान न होने से संयुक्त राष्ट्र की असफलता प्रतिबिंबित होती है। शरीफ ने चार सूत्री शांति पहल का भी प्रस्ताव दिया जिसमें कश्मीर का विसैन्यीकरण और सियाचिन से बलों की बिना शर्त वापसी शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में शरीफ ने इस फार्मूले के तहत प्रस्ताव दिया कि दोनों देशों को किसी भी परिस्थिति में बलों का उपयोग करने या उनके उपयोग के खतरे के संबंध में संयंम बरतना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने वर्ष 2003 में हुए सीमा संघर्षविराम को औपचारिक रूप देने का प्रस्ताव भी दिया ताकि परमाणु क्षमता संपन्न दोनों पड़ोसी देशोंं के बीच शांतिपूर्ण संबंध सुनिश्चित हो सकें।
शरीफ ने कश्मीर मुददे के हल तथा भारत एवं पाकिस्तान के बीच शांति एवं सुरक्षा के मुददे को प्रमुख एवं अत्यंत आवश्यक बताते हुए कहा हमारे संबंध टकराव से नहीं बल्कि सहयोग से परिभाषित होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि कश्मीरी इस मुददे के अभिन्न हिस्से हैं और उनके साथ विचारविमर्श शांतिपूर्ण समाधान के लिए जरूरी है। शरीफ ने कहा कि भारत के साथ संबंध सामान्य करना उनकी तब से ही प्राथमिकता रही है जब वह प्रधानमंत्री के पद पर आए। उन्होंने कहा कि दोनों दशों को तनाव के कारण का समाधान करना चाहिए और तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाना चाहिए। शरीफ ने कहा इसीलिए आज मैं इस अवसर का उपयोग भारत के साथ एक नयी शांति पहल का प्रस्ताव करने के लिए करना चाहता हूं, जिसकी शुरूआत उन कदमों से हो सकती है जिन्हें लागू करना बेहद ही सरल है। उन्होंने कहा एक़़़ हमारा प्रस्ताव है कि पाकिस्तान और भारत वर्ष 2003 में कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पूरी तरह संघर्षविराम के लिए हुई सहमति को पूरा सम्मान दें और उसे औपचारिक रूप दें। इसके लिए हम संघर्षवराम की निगरानी के लिए यूएनएमओजीआईपी के विस्तार का आहवान करते हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा दूसरा़़़ हम प्रस्ताव करते हैं कि पाकिस्तान और भारत फिर से इसकी पुष्टि करें कि वे किसी भी परिस्थिति में बलों के उपयोग का सहारा नहीं लेंगे या उनके उपयोग की धमकी का इस्तेमाल नहीं करेंगे। यह यूएन चार्टर का केंद्रीय तत्व है।
उन्होंने कहा तीसरा़़़़ कश्मीर के विसैन्यीकरण के लिए कदम उठाए जाएं।
चौथा़़़़ दुनिया के सबसे उंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर से सैनिकों की बिना शर्त परस्पर वापसी पर सहमति हो।
चार सूत्री फार्मूले की पेशकश करते हुए शरीफ ने कहा कि ऐसे शांति प्रयासों से खतरे की आशंका में कमी के चलते पाकिस्तान और भारत के लिए आक्रामक एवं उन्नत हथियार प्रणालियों से उत्पन्न खतरे के समाधान के वास्ते व्यापक कदम उठाने को लेकर सहमति संभव होगी। 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा हमारे लोगों की समद्धि के लिए शांति जरूरी है। शांति वार्ता से हासिल की जा सकती है न कि संवादहीनता से। कश्मीर का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि 1947 से विवाद बना हुआ है और अनसुलक्षा है तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का कार्यान्वयन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कश्मीरियों की तीन पीढ़ियों ने केवल टूटे वादे और दमन ही देखा है। आत्मनिर्णय के लिए संघर्ष में एक लाख से अधिक लोगों ने जान गंवाई। इससे संयुक्त राष्ट्र की लगातार असफलता जाहिर होती है।

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