अद्धयात्म

शिवलिंग पानी में डूबा पर जलती रही मंदिर में अखंड जोत

vankhandeshwar_temple_bhind_1o_201684_122134_04_08_2016भिंड। शहर में भगवान शिव का करीब 900 वर्ष पुराने वनखंडेश्वर मंदिर में स्थापना के बाद से ही अखंड ज्योति जल रही है। ऐसी मान्यता है कि भोलेनाथ यहां भोलेनाथ जागृत अवस्था में रहते हैं। शहर में तेज बारिश के दौरान यहां मंदिर में पानी भर गया, जिसमें शिवलिंग भी डूब गया। लेकिन मंदिर के अंदर अखंड जोत के पहले के पास पहुंचने से पहले ही बारिश थम गई।

पुजारी का दावा है कि मंदिर की सामग्री में से कुछ भी पानी के साथ मंदिर के बाहर नहीं गया। इस तरह की बारिश इससे पहले कभी इस इलाके में नहीं हुई थी। लोगों की माने तो पहले कभी इस मंदिर में पानी अंदर नहीं आ पाया था और न ही यह शिवलिंग कभी जलमग्न नहीं हुआ था।

पानी दीपकों तक पहुंच चुका था कि अचानक बारिश बंद हो गई और पानी कम होने लगा। मंदिर में पानी भरने के बाद भी अखंड दीप जलते रहे। इसे गांव के लोग और अन्य श्रद्धालु भगवान शिव का चमत्कार मान रहे हैं।

यहां है मंदिर : यहां स्थापना के बाद से ही जल रही है अखंड ज्योति प्रज्वलित है। भिंड शहर के गौरी सरोवर के पास है यह मंदिर। आसपास कई और मंदिरों के अवशेष दिखाई देते हैं।

किंवदंती : वनखंडेश्वर के आसपास भूतों ने एक ही रात में 99 मंदिर बना दिए थे लेकिन सुबह होन जाने के कारण सौवां मंदिर नहीं बन सका। माना जाता है कि सौ मंदिर बन जाते तो यह बड़ी धार्मिक नगरी बन जाती।

इतिहास : स्थापना राजा पृथ्वीराज चौहान ने करवाई थी। कहा जाता है कि वे दिल्ली जा रहे थे तब यहां पड़ाव डाला था। यहां स्वप्न में उन्हें शिवलिंग दिखाई दिया। उन्होंने खुदाई करवाई और जो शिवलिंग प्रकट हुआ, उसकी स्थापना करवाई।

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