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संवासिनियों की मौत से सरकार हिली, CM ने दिए जांच के आदेश

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नारी निकेतन की स्थापना से लेकर अब तक हुई संवासिनियों की मौतों के सभी मामलों की जांच के आharish-rawat-56378ab995107_exlstदेश दिए हैं। उन्होंने इन मामलों को गंभीरता से लिया और कहा कि अगर कहीं कोई लापरवाही का अंश भी नजर आया तो सख्त कदम उठाया जाएगा।

शुक्रवार को एक संवासिनी की संदिग्ध हालात में हुई मौत ने अब तक प्रकाशित तमाम खबरों का हवाला देते हुए लिखा था कि नारी निकेतन संवासिनियों की कब्रगाह बन चुका है। इसके बाद शनिवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि संवासिनियां पहले से ही उपेक्षित हैं। इस पर अगर उनकी ओर ध्यान नहीं दिया गया तो यह अनुचित होगा।

बता दें कि शुक्रवार की घटना के बाद शनिवार को एक और संवासिनी की मौत हो गई तो महकमे में हड़कंप मच गया। शुक्रवार को जिस संवासिनी की मौत हुई थी, उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मल्टीपल ऑर्गन फेलियर बताया गया था।

मुख्यमंत्री के मुताबिक जिलाधिकारी दून को अब तक हुई हर संवासिनी की मौत की जांच का आदेश दे दिया गया है। उन्होंने साफ कहा है कि किसी भी मामले में लापरवाही का कोई भी अंश मिले तो सख्त कदम उठाया जाए।

इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व झरना कमठान की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बना दी गई, जो एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। इसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सदस्य और जिला समाज कल्याण अधिकारी को सदस्य सचिव बनाया गया है।

पिछले दो दिन में दो संवासिनियों की मौत का कारण भले ही बीमारी बताया जा रहा हो, लेकिन स्थापना से लेकर अब तक नारी निकेतन में कई संवासिनियों की मौत हो चुकी हैं। जिसे शासन-प्रशासन ने कभी गंभीरता से नहीं लिया। शुक्रवार को पहली संवासिनी की मौत के बाद भी प्रशासन संवेदनहीन बना रहा और किसी वरिष्ठ अधिकारी ने नारी निकेतन तक झांकने की जहमत नहीं उठाई। शनिवार सुबह दूसरी संवासिनी की भी मौत हो गई और दो मौतों पर हल्ला मचा तो शासन प्रशासन की आंख खुली।जिलाधिकारी को कहा है कि अब तक जितनी भी मौतें हुई हैं, सबकी जांच कराएं और कहीं भी कोई लापरवाही का कंटेंट मिलता है तो सख्त कदम उठाएं। संवासिनियों की मौत से मैं व्यक्तिगत रूप से भी आहत हुआ हूं। यह वाकई गंभीर मामला है।

-नारी निकेतन की स्थापना से लेकर अब तक संवासिनियों की मौतों की विस्तृत जांच कराई जाएगी। इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी बना दी गई है। कमेटी मृत्यु के कारण और संवासिनियों को उपलब्ध कराए गए चिकित्सीय विवरणों का परीक्षण करेगी।

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