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सुप्रीम कोर्ट का आदेश, CBI करेगी बसपा नेता राजू पाल की हत्या की जांच

दस्तक टाइम्स ब्यूरो/ 101210-supreem-court-of-indiaनई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में वर्ष 2005 में बहुजन समाज पार्टी के नेता राजू पाल की हत्या की सीबीआई जांच कराने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की पीठ ने राजू पाल की पत्नी पूजा पाल की याचिका स्वीकार करते हुए जांच एजेंसी से कहा कि बेहतर होगा यदि वह इस मामले में अपनी जांच 6 महीने में पूरी करे।

इलाहाबाद में अज्ञात हमलावरों ने 25 जनवरी, 2005 को राजू पाल और दो अन्य लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी और उनकी पत्नी एवं एक अन्य व्यक्ति को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद में त्वरित अदालत के समक्ष मामले की सुनवाई पर चार अप्रैल 2006 को रोक लगा दी थी। इसके बाद अतीक अहमद और उनके भाई को गिरफ्तार किया गया और राजू पाल की हत्या करने का कथित षड्यंत्र रचने के मामले में उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था।

न्यायालय ने बसपा विधायक की हत्या के मामले में तीन फरवरी 2006 को राज्य में तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी किया था। राजू पाल उत्तर प्रदेश विधानसभा में इलाहाबाद पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे।

न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के तत्कालीन सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ अहमद को भी नोटिस जारी किया था जिन्हें पुलिस ने हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। पूजा ने अपनी याचिका में कहा था कि उनके और राजू की मां के जीवन को सपा से खतरा है और इस मामले की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए। उस समय न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस से दोनों को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा था।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि यह एक राजनीतिक हत्या थी जो सपा के आदेश पर की गई और उन्होंने दावा किया था कि राज्य पुलिस द्वारा की गई जांच निष्पक्ष और उचित नहीं है और रहस्य में घिरी है।

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