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सुप्रीम कोर्ट के जजों की संख्या बढ़ाने को सीजेआई ने लिखा पीएम को पत्र, HC के जजों की आयु 65 वर्ष करने दिया का दिया सुझाव

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जजों की संख्या बढ़ाने का आग्रह किया है. चीफ जस्टिस ने पीएम मोदी को दो पत्र लिखे हैं. पहला, सुप्रीम कोर्ट की बेंच में जजों की संख्या में इजाफा करना और दूसरे में हाईकोर्ट के जजों की रिटायरमेंट आयु को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने का सुझाव दिया है. सीजेआई गोगोई ने अदालतों में कई सालों से हजारों लंबित पड़े केसों का हवाला देते हुए पत्र में लिखा कि इनके निपटारे के लिए जजों की संख्या बढऩी चाहिए. यही नहीं सीजेआई ने पत्र में पीएम मोदी से एक बार फिर मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर जजों की नियुक्ति का प्रावधान किया जाए. इससे लंबे समय से पेंडिंग केसों का निपटारा जल्द हो सकेगा. गौरतलब है कि अभी सुप्रीम कोर्ट में 31 जजों के पद स्वीकृत हैं, फिलहाल इतने ही जज हैं. चीफ जस्टिस ने पत्र में कहा कि 1988 में जजों की संख्या को 18 से बढ़ाकर 26 किया गया था, फिर तीन दशक बाद 2009 में यह संख्या 31 की गई. अब केसों की बढ़ते अनुपात को देखते हुए जजों की संख्या बढऩी चाहिए. सीजेआई ने कहा कि कोर्ट में 2007 में 41,078 केस पेंडिंग थे, लेकिन अब यह आंकड़ा 58,669 तक पहुंच गया है. हाईकोर्ट्स में करीब 44 लाख और सुप्रीम कोर्ट में 58,700 मामले लंबित पड़े हैं. यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है, क्योंकि बड़ी संख्या में नए मामले दर्ज हो रहे हैं. पत्र में लिखा कि 26 ऐसे मामले हैं, जो बीते 25 सालों से लंबित हैं. 100 ऐसे केस हैं, जो 20 वर्षों से और 593 केस 15 सालों से पेंडिंग हैं और 10 सालों से 4,977 केस शीर्ष अदालत में हैं

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