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सुप्रीम कोर्ट ने की है यूपी मॉडल की तारीफ : योगी आदित्यनाथ

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को दावा किया कि उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों के मसलों से निपटने में उनकी सरकार की सराहना की है। योगी ने गोरखपुर ग्रामीण, पिपराइच, सहजनवा, बांसगांव तथा कुछ अन्य विधानसभा क्षेत्रों में 80 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 133 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के बाद अपने संबोधन में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने घरों को लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के मामले में ‘यूपी मॉडल’ की सराहना की है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से जिन लोगों की मौत हुई है, सरकार उनके परिवारों के साथ है। इस महामारी में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों को सरकार हर महीने 4000 रुपये देगी और उनकी शिक्षा का भी ख्याल रखेगी। योगी ने दावा किया कि उनकी सरकार राज्य के हर जिले और कस्बे में विकास योजनाओं को पहुंचाने में कोई कसर बाकी नहीं रख रही है। ऐसे में जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से जूझ रही थी, गोरखपुर की सभी विकास परियोजनाएं पूरी की गयीं।

मुख्यमंत्री ने कोविड-19 महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना वायरस कमजोर भले हो गया हो लेकिन अभी खत्म नहीं हुआ है। हर किसी को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में मास्क पहनना चाहिए और सामाजिक दूरी बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का टीका एक सुरक्षा कवच है और सरकार इसे मुफ्त में उपलब्ध करा रही है, लिहाजा लोगों को इसे लापरवाही से नहीं लेना चाहिए और टीकाकरण जरूर कराना चाहिए।

कांग्रेस ने कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर से निपटने की उत्तर प्रदेश सरकार की तैयारी महज कागजों तक सीमित होने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि राज्य सरकार को अपनी तैयारियों का ब्लूपिं्रट (खाका) जनता के सामने रखना होगा। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने यहां एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी है, मगर उत्तर प्रदेश सरकार की तैयारी दूसरी लहर की ही तरह केवल कागजों पर सीमित है।

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