उत्तराखंड

केदारनाथ धाम में 16 घोड़े-खच्चरों की मौत, 3 लोगों पर पशु क्रूरता का मामला दर्ज

रुद्रप्रयाग । विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 2023 की शुरुआत 22 अप्रैल से हो गई है। इस बार जहां मौसम भी श्रद्धालुओं की कड़ी परीक्षा ले रहा है, तो वहीं मौसम की कड़ी चुनौतीयों के बाद भी श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह कम होने का नाम नहीं ले रहा है। चारधाम की यात्रा शुरू हुए अभी सिर्फ 19 दिन ही हुए हैं कि 5 लाख से भी अधिक यात्रियों ने अब तक दर्शन कर लिए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक 21 श्रद्धालुओं की मौत हार्टअटैक से हुई है। दूसरी ओर, केदारधाम की यात्रा को शुरू हुए 16 दिन का समय हो गया है। इन 16 दिनों में यात्रा मार्ग पर सेवा दे रहे 16 घोड़े-खच्चरों की मौत हुई है। 2022 की यात्रा की तुलना में घोड़े-खच्चरों की मौत का यह आंकड़ा बेहद कम है। प्रशासन और पशुपालन विभाग इस बार यात्रा में पशुओं के लिए काफी व्यवस्थाएं की हैं। वहीं, अब तक नियमों के खिलाफ काम करने वाले 100 घोड़े खच्चर संचालकों का चालान किया गया है, जबकि तीन के खिलाफ पशु क्रूरता-रोधी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

केदारनाथ धाम की यात्रा में प्रथम चरण में रुद्रप्रयाग जनपद के घोड़े-खच्चर संचालकों को ही अनुमति मिली थी, लेकिन विरोध के बाद अब चमोली व टिहरी जनपद के जिलों के घोड़े-खच्चर संचालकों को भी धाम तक जाने की स्वीकृति मिल गई है। 25 अप्रैल से अभी तक पैदल मार्ग पर संचालित होने वाले 16 घोड़े-खच्चरों की मौत हुई है।

इस बार घोड़े खच्चरों पर निगरानी रखने के लिए 30 सदस्यीय म्यूल टास्क फोर्स, सात पशु चिकित्सक एवं सात पैरावेट (सहायक) की तैनाती की गई है। इसके अलावा पैदल मार्ग के 18 स्थानों पर घोड़े-खच्चरों के लिए गर्म पानी की व्यवस्था की गई है। अभी तक 8,320 घोड़े-खच्चरों का उपचार किया गया है, जबकि 441 घोड़े-खच्चर अनफिट पाए गए हैं, जिन्हें वापस भेजा गया है।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि घोड़े खच्चरों का संचालन इस बार सीमित संख्या में किया जा रहा है। रोटेशन के अनुसार ही घोड़े खच्चरों की आवाजाही करवाई जा रही है। जगह-जगह घोड़े खच्चरों के लिए पैदल मार्ग पर गर्म पानी के अलावा पशु चिकित्सकों की तैनाती की गई है। इस बार घोड़े खच्चरों की मौतें कम हुई हैं। वहीं, नियम विरुद्ध चलने वाले 100 संचालकों के चालान और तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।

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