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38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी सपा और बसपा, 25 साल बाद साझा प्रेस काॅन्फ्रेंस

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती और ने 2019 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिए आज गठबंधन का ऐलान किया। दोनों ही दल राज्य की 80 संसदीय सीटों में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। मायावती और अखिलेश की ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस शनिवार को लखनऊ के गोमती नगर स्थित होटल ताज में हुई। मायावती ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में बोलते हुए गेस्‍ट हाउस का भी जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि मैं गेस्‍ट हाउस कांड को पीछे छोड़ते हुए सपा के साथ गठबंधन करने को तैयार हूं। उन्‍होंने कहा मोदी सरकार को लोकसभा चुनाव में हराने के लिए वह किसी के साथ थी गठबंधन कर सकती हैं। इस मौके पर सपा के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के नेताओं ने सत्‍ता के नशे में अब तक जो किया है उन्‍हें अब सबक सिखाने का समय आ गया है। अखिलेश ने इशारे-इशारे में ये भी कहा कि उनकी पार्टी मायावती को प्रधानमंत्री के तौर पर समर्थन देने को भी तैयार है। अखिलेश यादव ने कहा कि मायावती पर हमला अब सपा पर हमला करने जैसा है। हम बीजेपी को साथ में मिलकर सत्‍ता से बाहर का रास्‍ता दिखाएंगे।

इस गठबंधन से दोनों ही दलों ने कांग्रेस को अलग रखा लेकिन कहा कि वे अमेठी और रायबरेली सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारेंगे। इन सीटों का प्रतिनिधित्व क्रमश: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी करती हैं। गठबंधन ने दो अन्य सीटें छोटे दलों के लिए छोड़ी हैं। संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में गठबंधन का ऐलान करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इस गठबंधन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की नींद उड़ जाएगी। गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किये जाने के बारे में मायावती ने कहा कि उनके शासन के दौरान गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई। इस मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह सपा-बसपा का केवल चुनावी गठबंधन नहीं है बल्कि गठबंधन भाजपा के अत्याचार का अंत भी है।

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